लंदन (ईएमएस)। क्या आपने कभी सोचा है कि यही मोबाइल हमारे सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिकों के अनुसार, मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल हमारे दिमाग और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है, खासकर जब बात नींद की हो। आजकल लोग अक्सर सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण उनकी नींद की गुणवत्ता में गिरावट आती है। इसका मुख्य कारण यह है कि मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी हमारे दिमाग को सक्रिय कर देती है, जिससे हम रात में आसानी से सो नहीं पाते। इसका असर हमारे सर्कैडियन रिदम पर पड़ता है, जो हमारे शरीर की प्राकृतिक नींद और जागने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। जब यह रिदम बिगड़ता है, तो हमारे शरीर को नींद का सही समय समझ नहीं आता और नींद में कमी होती है। नीली रोशनी के कारण, हमारे शरीर में मेलाटोनिन हॉर्मोन का उत्पादन कम हो जाता है, जो हमें नींद के लिए तैयार करता है। मेलाटोनिन के बिना, हम सोने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हो पाते, और नतीजतन नींद में परेशानी होती है। इसके कारण अगले दिन थकान और मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है। मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से तनाव, चिंता, और अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं, जो हमारी लाइफस्टाइल को प्रभावित करती हैं। इसके अतिरिक्त, मोबाइल फोन का अधिक उपयोग न केवल नींद की समस्या उत्पन्न करता है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जब हम रात में देर तक मोबाइल का उपयोग करते हैं, तो हमारा दिमाग पूरी तरह से आराम नहीं पाता, जिससे शारीरिक कमजोरी और मानसिक थकान महसूस होती है। लंबे समय तक यह स्थिति काम की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम अपने मोबाइल के इस्तेमाल पर नियंत्रण रखें और अच्छी नींद सुनिश्चित करने के लिए सही आदतें अपनाएं। बता दें कि आजकल मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। खाने का ऑर्डर हो, मूवी देखनी हो या फिर ऑफिस के काम की योजना बनानी हो, मोबाइल के बिना सब अधूरा सा लगता है। सुदामा/ईएमएस 09 जनवरी 2025