करांची,(ईएमएस)। पाकिस्तान दूसरों को टेंशन देना चाहता है लेकिन अब वह खुद ही टेंशन में है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडन प्रशासन तालिबान को अरबों रुपए की मदद दे रहा है, ताकि वह खुद को मजबूत कर दुश्मनों से मुकाबला कर सके। डोनाल्ड ट्रंप के दोस्त टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने भी इस रिपोर्ट पर ट्वीट कर पूछा कि क्या हम सचमुच अमेरिकी टैक्सपेयर्स का पैसा तालिबान को भेज रहे हैं? इसे लेकर सोशल मीडिया में हंगामा मचा गया है, लेकिन इससे पाकिस्तानी आर्मी की सांसें अटक गई हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि आप कल्पना कर सकते हैं कि इन तालिबानियों को हर हफ्ते हमारे टैक्स के पैसे से 40 मिलियन डॉलर दिया जा रहा है? एक यूजर ने लिखा- अमेरिकी होने के नाते हम इससे कैसे सहमत हो सकते हैं? तालिबान हमारा मजाक उड़ा रहा है। हमारे ही हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। ये वह लोग हैं जिन्होंने हजारों लोगों की हत्या की और हम उन्हें लाखों रुपए बांट रहे हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जब अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ा था तो 7 बिलियन डॉलर के हथियार वहीं छोड़ दिए थे। इतना ही नहीं, 57.6 मिलियन डॉलर का खजाना भी अमेरिका ने तालिबान को दे दिय था। तब से अब तक अमेरिकी सरकार तालिबान को पैसा भेज रही है। रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2021 से अमेरिका एनजीओ के जरिए 2.6 बिलियन डॉलर तालिबान को दे चुका है। अब अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडन प्रशासन तालिबान को हर हफ्ते 40 मिलियन डॉलर यानी करीब 3.5 अरब रुपए भेज रहा है। तालिबान पाकिस्तान को सीधे चुनौती दे रहा है। अमेरिकी हथियारों के दम पर ही पाकिस्तान में हमले कर रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को मदद कर रहा है। टीटीपी इन्हीं के दम पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की नाक में दम कर रखा है। इन्हीं पैसों की बदौलत अफगानिस्तान की मुद्रा काफी मजबूत हो गई है। सिराज/ईएमएस 08जनवरी25 -----------------------------------