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07-Jan-2025
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ओटावा (ईएमएस)। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद से उनके उत्तराधिकारी को लेकर अटकलों का दौर जारी है। खबरों के अनुसार भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद पीएम पद की एक मजबूत दावेदार बनी हुई हैं। बता दें ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता पद और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, वे लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहने वाले है। अनीता आनंद कनाडा की वर्तमान परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं। अनीता इंदिरा आनंद का जन्म केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता (दोनों अब दिवंगत हो चुके हैं) भारतीय फिजिशियन थे। उनके पिता तमिलनाडु से और उनकी मां पंजाब से थीं। अनीता आनंद की दो बहनें हैं गीता आनंद, टोरंटो में एक वकील हैं, और सोनिया आनंद, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में एक फिजिशियन और शोधकर्ता हैं। आनंद 1985 में ओंटारियो चली गईं। उन्होंने और उनके पति जॉन ने अपने चार बच्चों का पालन-पोषण ओकविले में किया। आनंद ने अपने करियर के दौरान अब तक कई पदों पर काम किया है। वे पहली बार 2019 में ओकविले के लिए संसद सदस्य के रूप में चुनी गई थीं। उन्होंने 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया और ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया। सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में, आनंद ने कोविड-19 के दौरान कनाडाई लोगों के लिए वैक्सीन, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और रैपिड टेस्ट सुरक्षित करने के लिए अनुबंध वार्ता का नेतृत्व किया। अनीता जब राष्ट्रीय रक्षा मंत्री बनीं, तब उन्होंने सेना में यौन दुराचार के खिलाफ कदम उठाए। उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान कीव को व्यापक सैन्य मदद के साथ-साथ यूक्रेनी सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए कर्मियों की व्यवस्था भी की। सितंबर 2024 में, अनीता आनंद को ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष के पद के अलावा परिवहन मंत्री भी बनाया गया। राजनीति के अलावा अनीता आनंद की पहचान एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता की रही है। वह टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर रही हैं जहां उन्होंने इनवेस्ट प्रोटक्शन और कॉर्पोरेट गर्वनेंस में जेआर किंबर चेयर का पद संभाला था। आनंद ने एसोसिएट डीन के रूप में कार्य किया है और मैसी कॉलेज के गवर्निंग बोर्ड की सदस्य भी रही हैं। वह कैपिटल मार्केट्स इंस्टीट्यूट, रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में नीति और अनुसंधान की निदेशक रही हैं।