12 जनवरी से शुरू होगा स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशना युवाओं को रोजगार, किसानों की आय दोगुनी करने पर फोकस भोपाल (ईएमएस)। मोहन यादव कैबिनेट ने साल 2025 की पहली बैठक में युवाओं को रोजगार देने और किसानों की आय दोगुनी करने के फार्मूले पर निर्णय लिए हैं। इसके चलते कैबिनेट ने 12 जनवरी से स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन शुरू करने और दूध का उत्पादन बढ़ाने, सांची की ब्रॉडिंग कर देश भर में पहचान दिलाने के लिए इसमें प्रोफेशनल लोगों को जोडऩे का फैसला किया है। कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मिशन का मकसद युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ाना, उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना और उनकी उत्पादकता बढ़ाना है। इसके लिए तीन मुख्य बिंदु तय किए गए हैं। हर युवा की आय न्यूनतम कुशल श्रेणी के श्रमिक की आय के बराबर हो। हर युवा कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करे। 10वीं तक यह लक्ष्य 2028 और 12वीं तक 2030 तक हासिल होगा। हर युवा को समाजहित में किसी न किसी पहल का हिस्सा बनाना है। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत संवाद, सामथ्र्य (योग्यता) और समृद्धि जैसे विषयों पर काम किया जाएगा। 2030 तक 70 प्रतिशत युवाओं को इन लक्ष्यों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ज्ञान पर ध्यान देने बनाएंगे विवेकानंद युवा शक्ति मिशन विजयवर्गीय ने कहा कि कैबिनट बैठक में ज्ञान (जीवाईएएन यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति) पर ध्यान पर चर्चा हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी के फार्मूले पर इसके लिए मोहन सरकार ने काम शुरू कर दिया है। इसमें युवाओं को नई दिशा देने और कौशल का सही उपयोग करने पर काम करेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग, युवा कल्याण विभाग मुख्य रूप में काम करेंगे। बैठक में तय हुआ है कि स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन प्रारंभ किया जाएगा। 12 जनवरी से शुरू होगा स्वामी विवेकानंद मिशन मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि रोजगार से युवाओं को कैसे जल्दी से जल्दी जोड़ें। युवा रोजगार देने वाला कैसे बने, 12 जनवरी से इसकी शुरुआत स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन के जरिये होगी। एमपी में 27 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। युवाओं को मजबूत करने का काम मिशन मोड पर होगा। सभी मंत्री अपने विभाग में युवाओं को जोडक़र रोजगार देने का काम भी करेंगे। एससी, एसटी युवाओं को कोचिंग देने के साथ गैर एससी-एसटी स्टूडेंट्स को भी कोचिंग देने का काम किया जाएगा। युवाओं से संवाद करने पर काम किया जाएगा। युवाओं की क्षमता बढ़ाने का काम होगा। उन्हें रचनात्मक दिशा में ले जाने का काम किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक वित्तीय प्रबंध किए जाएंगे। दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने का फैसला इसके अलावा कैबिनेट ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुनी करने के लिए सहकार्यता अनुबंध को मंजूरी दी। यह अनुबंध राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के बीच किया जाएगा। इससे निम्न उद्देश्य को प्राप्त करने काम होगा। दूध खरीद और सही कीमत सुनिश्चित करने के लिए हर ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे। दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसमें अगले पांच वर्षों में लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे दुग्ध समितियों की संख्या 6000 से बढ़ाकर 9000 की जाएगी। इसके तहत प्रतिदिन 10.50 लाख किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम दूध संकलन का लक्ष्य रखा गया है। सांची ब्रांड को राष्टीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी सांची ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान दिलाने के लिए इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। दुग्ध उत्पादकों की वार्षिक आय 1700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3500 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। पशुधन खरीदने के लिए कोऑपरेटिव सेक्टर के माध्यम से लोन दिलाने का काम किया जाएगा। विजयवर्गीय ने कहा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि हर गांव में कोऑपरेटिव कमेटी होनी चाहिए। इसी के तहत काम होगा। एमपी में 53 हजार गांव हैं और हर गांव में दुग्ध सहकारी समिति बनाने का काम किया जाएगा। चिलिंग प्लांट लगाने, दूध का उत्पादन बढ़ाने का काम समेकित व्यवस्था के अंतर्गत किया जाएगा। फ्यूचर प्लानिंग के साथ केंद्र से फंड मांगने मंत्री प्रस्ताव तैयार करें कैबिनेट बैठक में 16वें वित्त आयोग पर चर्चा हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों से कहा कि अगले पांच साल में 16वें वित्त आयोग से अधिक से अधिक सालाना फंड मांगने के प्रस्ताव मंत्री विभागवार तैयार कराएं। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि बैठक में चर्चा हुई है कि केंद्र से 5 साल में कितना फाइनेंशियल सपोर्ट चाहिए। इसके लिए प्लानिंग करके सभी मंत्री तैयारी करेंगे ताकि वित्त आयोग के समक्ष प्रजेंटेशन देकर अधिक से अधिक राशि ली जा सके। अरविंद पनगढिय़ा 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष हैं, वे एमपी आने वाले हैं। जिनके साथ में चर्चा कर प्रस्ताव दिए जाना है। राज्य सरकार अधिक से अधिक फंड लेने की तैयारी करेगी।