-हमले की निंदा करने वाले भारत की अफगान जनता ने की जमकर तारीफ काबुल,(ईएमएस)। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अपने आंतरिक असफलता के लिए पड़ोसियों को जिम्मेदार ठहराना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। पाकिस्तान के हवाई हमले में अफगानिस्तान के 47 लोग मारे गए थे जिस पर तालिबानी सरकार का कहना है कि ये सभी आम नागरिक थे और पाकिस्तान से अफगानिस्तान में शरण लिए हुए थे। वहीं पाकिस्तान ने दावा किया था कि ये सभी टीटीपी के आतंकवादी थे। इस बीच भारत का अफगानिस्तान का साथ देने पर अफगान जनता और तालिबान समर्थकों ने भारत की जमकर तारीफ की है। सोशल मीडिया एक्स पर सक्रिय रहने वाले फजल अफगान यूजर ने लिखा- भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने अपनी नैतिक ड्यूटी निभाई और मानवता दिखाते हुए पाकिस्तानी हवाई हमले का कड़ा विरोध किया है। इस पाकिस्तानी हमले में 47 अफगान बच्चे और महिलाओं की मौत हो गई थी मारी गई। अफगान हमेशा अपने भाई हिंदुस्तान के साथ खड़ा रहेगा। अफगान की जनता भारतीयों को प्यार करती हैं। भारतीयों ने भी इस पोस्ट पर बड़ी संख्या में कॉमेंट करके अफगानों को अपना भाई बताया है। वहीं तालिबान समर्थक एस हैदर हाशिमी ने एक्स पर लिखा- अफगानिस्तान दुनिया के हर देश के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहता है। वर्तमान समय में भारत और अफगानिस्तान दोनों ही मजबूत आर्थिक रिश्ते विकसित कर रहे हैं। अफगानिस्तान हर देश के साथ सकारात्मक आर्थिक रिश्ते बनाना चाहता है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने अफगानिस्तान में हवाई हमले में बच्चों समेत आम नागरिकों के मौत होने की खबर देखी है। हम आम नागरिकों पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि अपने आंतरिक असफलता के लिए पड़ोसियों पर आरोप लगाना। हमने इस बारे में अफगान प्रवक्ता के बयान का भी संज्ञान लिया है। तालिबान के बाद अब भारत ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान को लताड़ा है। इस बारे में अफगान विश्लेषक नजीब रहमान शमल ने कहा कि अफगानिस्तान और भारत के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक या सांस्कृतिक रिश्ता बढ़ता है तो यह पाकिस्तान के लिए कांटे की तरह होता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान और भारत दोनों को साझा दुश्मन मानती है और दुर्भाग्य से उसने हमेशा से ही अफगानिस्तान और भारत के बीच रिश्तों में बाधा डालने का काम किया है। पाकिस्तान नहीं चाहता कि अफगानिस्तान और भारत के बीच दोस्ताना संबंध बने रहें। सिराज/ईएमएस 07जनवरी25