जकार्ता(ईएमएस)। ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश इंडोनेशिया अब अन्य सदस्यों के साथ वैश्विक शासन संस्थानों में सुधार और ग्लोबल साउथ के भीतर सहयोग में सकारात्मक योगदान करेगा। ब्राजील इस साल ब्रिक्स की बैठक की अध्यक्षता करेगा। इंडोनेशिया के ब्रिक्स में शामिल होने को 2023 में जोहान्सबर्ग के सम्मेलन के दौरान मंजूरी दी गई थी।इंडोनेशिया का ब्रिक्स में आना पाकिस्तान के लिए झटके की तरह है। दरअसल पाकिस्तान नहीं चाहता था कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इस ग्रुप में आए। इसके उलट पाकिस्तान खुद ब्रिक्स में आने की जुगत में लगा था। इसके लिए वह चीन को भी रिझा रहा था लेकिन ब्रिक्स का दरवाजा उसके लिए नहीं खुला और इंडोनेशिया को एंट्री मिल गई।ब्रिक्स की अध्यक्षता इस साल ब्राजील कर रहा है। मौजूदा साल, 2025 का ब्रिक्स सम्मेलन जुलाई में रियो डी जनेरियो में होगा। अपनी अध्यक्षता के दौरान ब्राजील का लक्ष्य ग्लोबल साउथ देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार करना है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा की सरकार ने कहा है कि सदस्य देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए भुगतान के साधनों का विकास उनका लक्ष्य है। ब्रिक्स की स्थापना 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने की थी। एक साल बाद इसमें दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हो गया। पिछले वर्ष इसका विस्तार हुआ और ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स के पूर्ण सदस्य बन गए। समूह का कुनबा अब और बढ़ा है, जब एक महत्वपूर्ण देश इंडोनेशिया भी ब्लॉक में आ गया है। नवंबर 2024 में रूस में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान गैर-डॉलर लेनदेन को बढ़ावा देने और स्थानीय मुद्राओं को मजबूत करने पर चर्चा की गई थी। ब्रिक्स देशों की कोशिश डॉलर के इस्तेमाल को कम करके अपनी स्थानीय मुद्राओं को मजबूत करने की है। हालांकि इससे इससे अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नाराज हो गए थे। उन्होंने अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी। वीरेंद्र/ईएमएस/07जनवरी2025