अंतर्राष्ट्रीय
07-Jan-2025


भारत को सारी उम्मीदें ईरान से सना (ईएमएस)। केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है। हाल ही में खबर आई थी कि यमन के नागरिक की हत्या के मामले में निमिषा की फांसी को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी है। इस पर यमन दूतावास ने सफाई देकर कहा है कि राष्ट्रपति रशद मोहम्मद अल-अलीमी ने सजा की पुष्टि नहीं की है। इसकी वजह ये है कि निमिषा सना की जेल में बंद है, यह हूती विद्रोहियों के कब्जे वाला क्षेत्र है। यह यमनी राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। निमिषा की सजा पर फैसला हूतियों का प्रशासन ही लेगा। यमन के दूतावास ने भारत में जारी बयान में कहा कि निमिषा का पूरा केस मामला हूती विद्रोहियों की कोर्ट में ही चला है। प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी हूती सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के नेता मेहदी अलमशात ने की है। इसमें यमनी राष्ट्रपति का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उधर हूतियों से निमिषा को फांसी से माफी दिलाने में ईरान से भारत को मदद की आखिरी उम्मीद की तरह है। इजरायल और अमेरिका से लाल सागर में लड़ रहे हूतियों को ईरान का समर्थन रहा है। इसके बाद ईरान का दखल मामले में अहम हो सकता है। ईरान की ओर से निमिषा की मदद की बात कही गई है। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने कहा है कि निमिषा के लिए हम जो भी अच्छा से अच्छा कर सकते हैं, वहां करने को तैयार है। निमिषा केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। वह एक दशक से ज्यादा समय से यमन में हैं। प्रिया पर 2017 में तलाल महदी नाम के यमनी नागरिक की हत्या का आरोप लगा और 2018 में उन्हें दोषी पाया गया और मौत की सजा सुनाई गई। इसके बाद से निमिषा को बचाने की कोशिश हो रही है। सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की ओर से भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई गई है। निमिषा के वकील और परिवार ने ब्लड मनी देने की भी पेशकश की है। आशीष दुबे / 07 जनवरी 2025