अंतर्राष्ट्रीय
07-Jan-2025


ओटावा (ईएमएस)। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता और पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। ट्रूडो ने प्रेसवार्ता कर इसका ऐलान किया है। फिलहाल लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक ट्रूडो प्रधानमंत्री बने रहने वाले है। घटनाक्रम पर भारत की भी नजर है, क्योंकि भारत और कनाडा के रिश्ते बीते कुछ समय से तनाव से गुजर रहे हैं। ट्रूडो के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध काफी ज्यादा खराब हुए। खासतौर से खालिस्तान के मुद्दे पर दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है। कनाडा में 2025 के चुनाव बाद कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे के पीएम बनने की उम्मीद है, जो भारत के साथ संबंध सुधारने की बात कह रहे हैं। दरअसल जस्टिन ट्रूडो नौ साल तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे हैं। साल 2015 में ट्रूडो के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही भारत और कनाडा के रिश्तों में कई बार तनाव आया। ट्रूडो से पहले स्टीफन हार्पर ने भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने की कोशिश की थी। हार्पर ने 2010 में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू 2015 में भारत के साथ एक परमाणु समझौता भी किया। इस समझौते के तहत कनाडा यूरेनियम बेचने के लिए राजी हुआ था। वहीं ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने 2015 में अपने चुनाव अभियान के दौरान भारत के साथ घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों का आह्वान किया था। हालांकि सत्ता में आने के बाद ट्रूडो सरकार पूर्व सरकार की नीति आगे नहीं बढ़ सकी। साल 2018 में ट्रूडो ने रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए भारत की यात्रा की लेकिन वे विवादों से घिर गई। ये तब हुआ जब 1986 में एक भारतीय मंत्री की हत्या के प्रयास के दोषी जसपाल अटवाल को कनाडाई उच्चायोग ने रात्रिभोज के लिए निमंत्रण दे दिया। ट्रूडो के दौरे के दौरान भारत और कनाडा ने नए निवेश और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त ढांचे की घोषणा की। कनाडा ने आतंकवाद पर बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे खालिस्तान समर्थक आतंकी समूहों का भी जिक्र किया। हालांकि कुछ समय बाद ही ट्रूडो सरकार ने इससे खालिस्तानी उग्रवाद की बात हटा दी। इसके बाद साल 2020 में ट्रूडो के भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर टिप्पणी से दोनों सरकारों के बीत तल्खी बढ़ी। खालिस्तान समर्थकों के लिए ट्रूडो का प्यार साल 2021 में ट्रूडो की पार्टी ने जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन किया। सिंह खालिस्तान समर्थक रैलियों में भाषण और भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। इसके बाद सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारतीय अधिकारियों पर कनाडा में खालिस्तानी हरदीप निज्जर की मौत में शामिल होने का आरोप लगाया। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। आशीष दुबे / 07 जनवरी 2025