नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने स्पैडेक्स मिशन की डॉकिंग जो पहले 7 जनवरी को होनी थी अब इसे बढ़ाकर 9 जनवरी कर दिया है। इसरो ने इस बदलाव का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। एक संदेश में इसरो ने कहा “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि स्पैडेक्स मिशन की डॉकिंग अब गुरुवार, 9 जनवरी 2025 को की जाएगी। कार्यक्रम के समय की जानकारी बाद में दी जाएगी।” गौरतलब है कि 30 दिसंबर 2024 को इसरो ने स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। स्पैडेक्स मिशन एक लागत-कुशल तकनीकी मिशन है जो अंतरिक्ष में डॉकिंग का प्रदर्शन करेगा जिसमें दो छोटे उपग्रहों को लॉन्च किया जाएगा। स्पैडेक्स मिशन का मुख्य उद्देश्य दो उपग्रहों के बीच डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का विकास और प्रदर्शन करना है जो पृथ्वी की निचली कक्षा में काम करेंगे। उल्लेखनीय है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्पेडेक्स का परीक्षण भारत के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक कक्षा में डॉक करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। अबतक इस उपलब्धि को केवल रूस, अमेरिका, चीन ने हासिल किया है। इससे पहले इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत को चंद्रयान-4 भेजना है और अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है और फिर किसी भारतीय को चंद्रमा पर भेजना है तो डॉकिंग में महारत हासिल करना एक बेहद जरूरी कदम है। डॉकिंग और अनडॉकिंग के बाद ये उपग्रह धरती की कक्षा में दो साल तक काम करते रहेंगे। इन उपग्रहों का काम अलग-अलग होगा, जैसे तस्वीर लेना, पृथ्वी के संसाधनों की जानकारी एकत्र करना और दूसरे वैज्ञानिक काम करना। एसडीएक्स 01 उपग्रह में एक उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरा (एचआरसी) है। जबकि एसडीएक्स 02 में दो पेलोड ‘मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल’ (एमएमएक्स) और ‘रेडिएशन मॉनिटर’ (रेडमॉन) हैं। ये पेलोड उच्च रिजॉल्यूशन की तस्वीरें, प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी, वनस्पति अध्ययन और अंतरिक्ष में विकिरण की माप करेंगे। सुबोध/०६-०१-२०२५