लंदन (ईएमएस)। ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में वैज्ञानिकों ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है। कुल काउज परियोजना के तहत, इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक का उपयोग कर कम मिथेन उत्सर्जन करने वाली बछिया का जन्म कराया गया है। जलवायु संकट को कम करने और बेहतर भविष्य के लिए वैज्ञानिकों ने एक सफल प्रयोग करने की कोशिश की है। ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में कुल काउज परियोजना के तहत वैज्ञानिकों ने आईवीएफ के जरिए कम मिथेन उत्सर्जन करने वाली बछिया का जन्म कराया है। इसे जलवायु संकट से निपटने की नई पहल के तौर पर देखा जा रहा है। परियोजना का उद्देश्य यह परियोजना जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पशुधन से होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने पर केंद्रित है। वैज्ञानिकों ने इस बछिया के लिए ऐसे आनुवंशिक गुणों का चयन किया, जो भोजन को पचाने की प्रक्रिया में मिथेन उत्सर्जन को न्यूनतम करते हैं। मिथेन उत्सर्जन और पर्यावरण पर प्रभाव पशुधन, विशेष रूप से गाय और भैंस, उनके पाचन तंत्र के दौरान बड़ी मात्रा में मिथेन गैस उत्सर्जित करते हैं। मिथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जो कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में वातावरण में लगभग 25 गुना अधिक प्रभाव डालती है। इसे नियंत्रित करना जलवायु संकट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आईवीएफ तकनीक का उपयोग इस परियोजना में आईवीएफ तकनीक का सहारा लिया गया, जिसमें आनुवंशिक रूप से चुने गए शुक्राणु और अंडाणु का प्रयोग कर बछिया का जन्म कराया गया। यह प्रक्रिया वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद सटीक है और भविष्य में कम उत्सर्जन वाले पशुधन की संख्या बढ़ाने के लिए एक नई राह खोल सकती है। भविष्य की योजना कुल काउज परियोजना के तहत, वैज्ञानिक इसी प्रकार के और अधिक पशु तैयार करने की योजना बना रहे हैं। इस पहल से न केवल कृषि क्षेत्र में टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह जलवायु संकट को कम करने के वैश्विक प्रयासों का भी हिस्सा बनेगी। यह परियोजना पशुधन से जुड़े पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कम मिथेन उत्सर्जन करने वाले पशु न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होंगे, बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में भी सहायक साबित होंगे। हिदायत/ईएमएस 06 जनवरी 2025