वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दानवीर जॉर्ज सोरोस को अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया है। यह सम्मान भारत रत्न जैसा माना जाता है, जो किसी नागरिक को उनके योगदान के लिए दिया जाता है। सोरोसजॉर्ज सोरोस एनजीओ के संस्थापक हैं लेकिन कई देशों की सरकारों में उथल-पुथल मचाने और कई बड़े बैंकों को तबाह करने का उन पर आरोप लगे हैं। पिछले दिनों संसद में भी उनको लेकर बड़ा बवाल मचा था। बाइडेन ने कहा कि सोरोस ने अमेरिका के मूल्यों, जैसे अधिकार, न्याय, समता और समानता का समर्थन किया है। उनका जन्म हंगरी में हुआ था, और उन्होंने नाजी कब्जे से बचकर अमेरिका में अपने जीवन की शुरुआत की थी। सोरोस ने कहा कि वह इस सम्मान को उन सभी लोगों के लिए स्वीकार करते हैं जिनके साथ ओपन सोसायटी फाउंडेशन ने पिछले 40 सालों में साझा उद्देश्य बनाए हैं। हालांकि, इस सम्मान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मशहूर अमेरिकी कारोबारी आज्ञैर दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क ने सोरोस को लेकर तीखी आलोचना की है। मस्क ने कहा कि सोरोस सभ्यता के ताने-बाने को नष्ट कर रहे हैं और वह मानवता से नफरत करते हैं। मस्क की यह टिप्पणी अमेरिकी राजनीति में नया मोड़ ला सकती है, खासकर जब जॉर्ज सोरोस का नाम विवादों में है। इस बीच जॉर्ज सोरोस का योगदान अमेरिकी समाज में कई पहलुओं पर विचारशील है, लेकिन उनके काम और विचारों को लेकर अलग-अलग राय है। सिराज/ईएमएस 05जनवरी25