इस वर्ष चुनाव नहीं है तो भारी घाटा बताकर 8 प्रतिशत रेट बढ़ाए जबलपुर, (ईएमएस)। मप्र की बिजली कंपनियां सत्ता पक्ष के हाथों में खेल रही है| यह खुलासा बिजली कंपनियों द्वारा विद्युत नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत याचिका के पृष्ठ 150 में किए गए विवेचना के माध्यम से सामने आया है| वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर घाटा कम बताया, जिससे बिजली रेट 2 प्रतिशत से भी कम 1.65 प्रतिशत बढ़ाये, वहीं वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के कारण घाटा न के बराबर बताया, परिणामस्वरुप बिजली रेट 1 प्रतिशत से भी कम 0.7 प्रतिशत बढ़ाये और अब वर्ष 2025 में चुनाव नहीं होने के कारण 4107 करोड़ का भारी भरकम घाटा बताकर 7.52 प्रतिशत रेट बढ़ाये, कृषि क्षेत्र के लिए तो 8.3 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है| नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, भारतीय वरिष्ठ नागरिक, एसोसिएशन, महिला समिति, सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन, किसान समिति, पेंशनर समाज आदि संगठनों ने कॉफी हाउस में बैठक आयोजित कर मप्र सरकार तथा बिजली कंपनियों के मिलीभगत की भर्त्सना की| उन्होंने बिजली के रेट बढ़ाने के प्रस्ताव के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की है जिसकी शुरुआत 9 जनवरी से की जाएगी| बैठक में डॉ. पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव, टीके रायघटक, डीके सिंह, सुभाष चंद्रा, सुशीला कनौजिया, राजेश गिदरौनिया, कैलाश पटेल, पीएस राजपूत, एड.वेदप्रकाश अधौलिया, एड. जीएस सोनकर, एड. प्रभात यादव, संतोष श्रीवास्तव, माया कुशवाहा, गीता पांडे, दीपमाला बमनेला, उमा दाहिया, एमके नेमा, लखनलाल प्रजापति, राजेश सेंगर, प्रवीण पटेल, अर्जुन कुमार, नंदकिशोर सोनकर, गेंदालाल कुशवाहा, दिलीप कुंडे, चेतराम, डीआर लखेरा, पन्नालाल पटेल, सुभाष कोरी, ममता हरदहा, रंजना मौर्य, विनोद पटेल, एड.बृजेश साहू, उदय गजानंद परांजपे, राजेंद्र कुमार मिश्रा आदि भारी संख्या में उपस्थित थे| सुनील साहू / मोनिका / 04 जनवरी 2025/ 03.51