ज़रा हटके
04-Jan-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, तनाव, शारीरिक गतिविधियों की कमी और खराब डाइट के कारण प्रजनन संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। पीसीओएस, पीसीओडी और एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याएं अब आम हो गई हैं, जो महिलाओं के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं। इन समस्याओं के समाधान के रूप में योग विशेषज्ञ चंद्र नमस्कार को अपनाने की सलाह देते हैं, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। चंद्र नमस्कार एक प्राचीन योग पद्धति है जो चंद्रमा की शीतलता और शांति से प्रेरित है। यह आसन महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी है क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक संतुलन स्थापित करता है। नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से महिलाओं को एक नई ऊर्जा मिलती है, साथ ही यह शरीर के हार्मोनल असंतुलन को सुधारने में भी मदद करता है। यह पिट्यूटरी ग्रंथि को सक्रिय करता है, जो शरीर में हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करती है। इससे मासिक धर्म में अनियमितता, दर्द और मूड स्विंग्स को कम किया जा सकता है, और प्रजनन अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है। चंद्र नमस्कार का अभ्यास शरीर में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन का संचार बेहतर बनाता है, जिससे प्रजनन अंगों को अधिक पोषण मिलता है। यह महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एक प्रभावी उपाय है क्योंकि यह बांझपन की समस्याओं को दूर करने और गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, यह तनाव हार्मोन (कॉर्टिसोल) को कम करके मानसिक शांति प्रदान करता है और मासिक धर्म चक्र को नियमित करता है। चंद्र नमस्कार का अभ्यास सरल और प्रभावी है। इसे शांत स्थान पर ध्यान और श्वास के साथ किया जाता है। यह न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी महिलाओं को सशक्त बनाता है। नियमित रूप से इस आसन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से महिलाएं न केवल प्रजनन क्षमता में सुधार देख सकती हैं, बल्कि उनका समग्र स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकता है। सुदामा/ईएमएस 04 जनवरी 2025