ज़रा हटके
04-Jan-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका में नए साल 2025 का पहला दिन काफी गहमागहमी वाला रहा। एक ओर न्यू ऑरलिन्स में संदिग्ध इस्लामिक स्टेट आतंकी शमसुद्दीन जब्बार ने भीड़ पर ट्रक चढ़ाकर 15 लोगों को मार दिया। वहीं न्यूयॉर्क के एक क्लब में फायरिंग की घटना भी हुई है, जिसमें करीब एक दर्जन लोग जख्मी हैं। इतना ही नहीं इस बीच मशहूर टाइम्स स्क्वेयर पर इजरायल विरोधी सैकड़ों लोग जमा हुए हैं। इन लोगों ने मांग की कि इजरायल को जाने वाली अमेरिकी मदद तत्काल बंद होनी चाहिए। वहीं गाजा के पूरी तरह से मुक्त होने और इजरायल के अत्याचारों के खत्म होने तक हर साल प्रदर्शन करने की कसमें भी खाई गईं। सबसे अहम बात यह थी कि इस प्रदर्शन में इंतिफादा क्रांति को लाने के नारे भी लगाए गए। इन प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन यूथ मूवमेंट और पार्टी फॉर सोशलिज्म ऐंड लिबरेशन के बैनर तले आंदोलन किया। तभी यहूदी प्रदर्शनकारी भी वहां पहुंचे और दोनों के बीच झड़प के हालात बन गए। एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें गो बैक टू यूरोप, गो बैक टू यूरोप के नारे लगाते कुछ लोग दिख रहे हैं। इसमें ज्यादातर महिलाएं हैं। इनमें से एक प्रदर्शनकारी कहता हैं कि 2024 का साल हमारे लिए यहूदियों के अपराधों वाला रहा है, जिसका हम लोगों ने डटकर सामना किया था। यही नहीं इन लोगों ने कहा कि हम हर साल और यहां तक पीढ़ी दर पीढ़ी यहां आते रहने वाले है। जब तक फिलिस्तीनियों को आजादी नहीं मिल जाती और उनकी जमीन पर कब्जा वापस नहीं मिलता। इंतिफादा का अर्थ आमतौर पर बगावत या विद्रोह मान लिया जाता है। लेकिन अरबी भाषा में इसका अर्थ उथलपुथल या फिर किसी से छुटकारा पाना होता है। इस शब्द का बहुतायत में प्रयोग फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच संघर्ष में किया जाता रहा है। वहीं से यह इस शब्द का प्रचलन जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी शक्तियों ने प्रारंभ किया। इंतिफादा शब्द का पहली बार प्रचलित तौर पर प्रयोग दिसंबर 1987 में प्रारंभ हुआ था। तब बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों ने पश्चिमी बैंक और गाजा में इजरायल की सेना की मौजूदगी का विरोध किया था। यह इंतिफादा वहां तब शुरू हुआ था, जब एक यहूदी चालक की कार की टक्कर से 4 फिलिस्तीनी मार गए थे। इसके बाद प्रदर्शन शुरू हुए और फिलिस्तीनियों का कहना था कि यह हादसा नहीं बल्कि हमला था। आशीष/ईएमएस 04 जनवरी 2025