लखनऊ(ईएमएस)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में हुई कथित धांधली के बाद दूसरी बार परीक्षा की मांग को लेकर अड़े छात्रों धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका साथ देने के लिए जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर भी इस आंदोलन में शामिल हो गए हें। इसी बीच पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव और उनके समर्थक भी अभ्यर्थियों के साथ रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं। पटना में बीपीएससी री एग्जाम को लेकर छात्र संगठनों ने चक्का जाम कर दिया है। पप्पू यादव के समर्थक छात्रों ने पटना के सचिवालय हाल्ट पर ट्रेन रोकने का फैसला किया है। छात्रों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों की अनदेखा कर रही है और इस आंदोलन के जरिए वे अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं। छात्र संगठनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा। बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने हाल ही में बीपीएससी छात्रों और उनके संघर्ष को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जल्द ही बीपीएससी छात्रों के समर्थन में बिहार आएंगे। पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रशांत किशोर गांधी मैदान में महज एक नौटंकी कर रहे हैं। वह सायबर पक्षी और नटवरलाल हैं, जिनका अमरण अनशन सिर्फ दिखावा है।उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर पूरे दिन खाना खाकर अमरण अनशन करने का नाटक करते हैं, लेकिन बच्चों के साथ क्यों नहीं बैठते? पप्पू यादव ने आगे कहा कि यदि छात्रों के संघर्ष के प्रति प्रशांत किशोर की सच्ची चिंता होती, तो वह बच्चों के साथ मिलकर आंदोलन करते, न कि सिर्फ मीडिया के लिए यह ड्रामा करते। उन्होंने कहा कि पटना में रेल और सड़क जाम करने का आयोजन किया जाएगा साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो शनिवार को बिहार बंद भी किया जाएगा, ताकि छात्रों की आवाज को राज्य सरकार तक पहुंचाया जा सके। प्रशांत किशोर का अनशन पर बैठना छात्रों की नाराजगी दूर करने के लिए भी हो सकता है। दरअसल, 26 दिसंबर 2024 को प्रशांत किशोर के साथ हजारों अभ्यर्थी पटना के गांधी मैदान में इकट्ठा हुए और बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘बीपीएससी परीक्षा रद्द करो’ के नारे लगाए और इसका विरोध किया। इसके बाद, दिन में लगभग 4 बजे, प्रशांत किशोर के नेतृत्व में छात्र मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने के लिए जेपी गोलम्बर पहुंचे। हालांकि, कुछ समय बाद प्रशांत किशोर प्रदर्शन स्थल से निकल गए, जबकि प्रदर्शनकारी छात्र मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। इस बीच, पुलिस द्वारा आंदोलनकारी छात्रों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया गया। पुलिस के इस कदम से प्रदर्शनकारियों में गुस्सा फैल गया और वे प्रशांत किशोर को लेकर ‘चोर-चोर’ के नारे लगाने लगे। उनका आरोप है कि प्रशांत किशोर ने उनका साथ छोड़ दिया। प्रदर्शनकारियों का मानना था कि प्रशांत किशोर ने उनका समर्थन केवल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए किया, जबकि उन्होंने उनकी समस्याओं पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया। हालांकि इसके बाद प्रशांत किशोर की सफाई भी सामने आई। उन्होंने कहा कि मैं बीती रात आंदोलनकारियों से मिलने गया था और उनसे बातचीत की थी। जो कुछ भी हुआ, उसमें मेरी पूरी भागीदारी थी, लेकिन आरोपों के बावजूद मैंने किसी से भागने का कोई प्रयास नहीं किया। वीरेंद्र/ईएमएस/03जनवरी2025