-चीन के विदेश मंत्रालय ने आरोपों को “बेबुनियाद” बताया किया खारिज वाशिंगटन,(ईएमएस)। चीन ने सीधे अमेरिका के खजाने पर हाथ डालने का प्रयास किया है। चीन के इशारों पर हैकर्स ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की सिस्टम में सेंधमारी कर कुछ कर्मचारियों के वर्कस्टेशन और अनक्लासिफाइ़ड दस्तावेजों तक पहुंच गया। अमेरिका ट्रेजरी विभाग ने इस घटना को “साइबर हमला” बताया और एक पत्र के जरिए सांसदों को इस घटना की जानकारी दी। विभाग ने बताया कि वह एफबीआई और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस हमले की जांच कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने इन आरोपों को “बेसलेस” बताया और कहा कि वह किसी भी प्रकार की हैकिंग का समर्थन नहीं करता है। अमेरिका ने चीन पर इस तरह के हाई प्रोफाइल हमलों के कई आरोप लगाए हैं और यह कथित हमला इसी कड़ी का नया हिस्सा है। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने अपने पत्र में कहा कि यह हमला चीन स्थित एडवांस्ड पर्सिस्टेंट थ्रेट (एपीटी) हैकर्स द्वारा किया गया। रिपोर्ट में विभाग के मुताबिक वे एक थर्ड पार्टी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं और चीन के हैकर्स ने इस थर्ड पार्टी सर्विस में सेंध मारकर सिस्टम में एंट्री की है। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग जिस थर्ड पार्टी की सर्विस लेता है उसका नाम ‘बियॉन्डट्रस्ट’ है। इसका काम विभाग के कर्मचारियों को रिमोट लेवल पर टेक्निकल सपोर्ट देना है। यह थर्ड-पार्टी सर्विस अब ऑफलाइन कर दी गई है। विभाग ने बताया कि फिलहाल कोई सबूत नहीं है कि हैकर्स किसी भी डेटा तक पहुंच पाया है। विभाग ने बताया कि हैकर्स ने रिमोट एक्सेस के जरिए ट्रेजरी अधिकारियों-कर्मचारियों के वर्कस्टेशन और कुछ अनक्लासिफाइड दस्तावेजों तक पहुंच बनाई। इन दस्तावेजों की प्रकृति या संवेदनशीलता के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चीन हैकिंग का विरोध करता है और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फैलाए जा रहे झूठ का खंडन करता है। अमेरिकी एजेंसियों का आरोप है कि यह चीनी हैकर ग्रुप महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बाधित करने की योजना बना रहा था। इसे जासूसी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों पर हमला शामिल था। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बताया कि इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट 30 दिनों में सांसदों को सौंपी जाएगी। सिराज/ईएमएस 03 जनवरी 2025