सिडनी (ईएमएस)। भारतीय टीम के विश्व विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्यूटीसी) फाइनल की संभावनाएं अब सिडनी टेस्ट पर ही अधारित हैं। अगर भारतीय टीम ये मैच हारती है तो उसके फाइनल में पहुंचने की सभी संभावनएं समाप्त हो जाएंगी। वहीं अगर वह जीतती है तो दौड़ में बनी रहेगी पर उसे अन्य टीमों के परिणामों पर भी आधारित होनो होगा। इस मैदान पर भारतीय टी को अब तक 13 मैचों में से केवल एक बार ही जीत मिली है। वहीं उसे पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा है जबकि सात मैच ड्रॉ रहे। भारतीय टीम को एकमात्र जीत जनवरी 1978 में मिली तब बिशन सिंह बेदी कप्तान थे। उस मैच में ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 131 रन पर आउट करने के बाद गुंडप्पा विश्वनाथ और करसन घावरी के अर्धशतकों की सहायता से भारत ने 265 रन की बढ़त बना ली। इसके बाद, इरापल्ली प्रसन्ना के चार विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया टीम अपनी दूसरी पारी में 263 रन पर आउट हो गई। पहली पारी में भागवत चन्द्रशेखर और बेदी ने क्रमशः चार और तीन विकेट लिए थे। वहीं इस सीरीज की बात करें तो पर्थ में 295 रनों की बड़ी जीत के बाद भारतीय टी को 1-0 की बढ़त के साथ मिल गयी थी पर टीम उसे बरकरार नहीं रख पायी। एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से जीतकर सीरीज बराबर कि फिर ब्रिस्बेन टेस्ट बराबरी पर रहा जबकि मेलबर्न में भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी। बॉर्डर गावस्कर सीरीज अभी 2-1 से फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में है पर अगर भारतीय टीम मैच जीतती है और सीरीज ड्रॉ रहती है भारतीय टीम डब्ल्यूटीसी की दौड़ में बनी रहेगी गिरजा/ईएमएस 03 जनवरी 2025