रिश्वत एक अधिकार है, रिश्वत बिना कोई काम नहीं रीवा (ईएमएस)। लोकायुक्त पुलिस ने ₹50000 की नगद तथा चेक के माध्यम से 5।40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए बाबू राजाराम गुप्ता को गिरफ्तार किया है। इस बाबू का मानना है की रिश्वत लेनासरकारी कर्मचारी का अधिकार है। सहायक ग्रेड 3 में पदस्थ राजाराम गुप्ता ने सेवा निवृत प्रधान अध्यापक राम निहार साकेत से रिश्वत के रूप में आधी रकम देने का दबाव बनाया था। साकेत की सेवानिवृत्ति पर एरियर और ईएल के रूप में 12।40 लाख रुपए का भुगतान होना था। बाबू ने इसके लिए 6।20 लाख की रिश्वत मांगी थी। बाबू ने जमानत के तौर पर 5।40 लाख का चेक लिया। राशि का भुगतान करने के लिए एडवांस में चेक से 25000 फोन पे से 5 हजार रुपए एडवांस में लिए थे।इस रकम के मिलने के बाद उसने केस तैयार किया था। लिपिक भुगतान करने के लिए जिस तरीके से प्रधान अध्यापक पर दबाव बना रहा था। उससे नाराज होकर प्रधान अध्यापक साकेत ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। बुधवार को शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में रिश्वत देने के लिए उसने बुलाया था। वहीं पर लोकायुक्त की पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। मध्य प्रदेश में किस तरह से रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है। इसका उदाहरण मऊगंज सीएम राइज में पदस्थ यह बाबू है। इस बाबू को बीईओ कार्यालय के लेखपाल का प्रभार भी दिया गया है। एसजे/02/01/2025