अंतर्राष्ट्रीय
02-Jan-2025
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सऊदी अरब के राजदूत को किया तलब, एक औपचारिक विरोध पत्र सौंपा तेहरान,(ईएमएस)। सऊदी अरब ने अपने कानून के मुताबिक मादक पदार्थों की तस्करी के करने के जुर्म में ईरान के छह लोगों की मौत की सजा दी है। इसको लेकर ईरान के विदेश मंत्रालय ने तेहरान में सऊदी अरब के राजदूत को तलब किया है। ईरानी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक ईरान ने तेहरान में सऊदी राजदूत अब्दुल्ला बिन सऊद अल-अंजी को एक औपचारिक विरोध पत्र सौंपा है, इसमें मौत की सजा (फांसी) दिने जाने पर अपना कड़ा विरोध जताया है। ईरान और सऊदी अरब के बीच तनातनी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के विरोध पत्र में दोनों देशों के बीच स्थापित न्यायिक सहयोग के साथ कार्रवाई की असंगति पर प्रकाश डाला गया और रियाद से स्पष्टीकरण मांगा गया है। ईरानी विदेश मंत्रालय में काउंसलर मामलों के महानिदेशक करीमी शास्ती के मुताबिक छह ईरानियों को सऊदी न्यायिक अधिकारियों ने कई साल पहले मादक पदार्थों की तस्करी के लिए मौत की सजा सुनाई थी। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान मंत्रालय ने आरोपियों को काउंसलर सेवाएं प्रदान कीं और उनकी सजा में कमी करने की मांग की। उन्होंने रियाद में ईरानी दूतावास को सूचित किए बिना फांसी देने के लिए सऊदी अधिकारियों की आलोचना की और इस कार्रवाई को “अस्वीकार्य” और काउंसलर संबंधों पर वियना कन्वेंशन सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। वहीं सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने कहा कि छह ईरानी लोगों को देश में हशीश की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था और देश के उच्चतम न्यायालय की ओर से अपील खारिज किए जाने के बाद उन्हें मौत की सजा दी गई है। मंत्रालय ने यह जानकारी नहीं दी कि ईरान के नागरिकों को यह सजा कब और कहां दी गई। मंत्रालय ने कहा कि यह सजा इस्लामी कानून के अनुरूप है और इसका उद्देश्य नागरिकों और निवासियों को ‘‘मादक पदार्थों के अभिशाप से’’ बचाना है। मालूम हो कि ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं हैं। दोनों देशों ने सात साल के तनाव के बाद 2023 की शुरुआत में राजनयिक संबंध फिर से शुरू किए थे। साल 2016 में सऊदी अरब द्वारा प्रमुख शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र को फांसी दिए जाने के बाद राजनयिक संबंध खत्म हो गए थे। इसके कारण ईरान में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और तेहरान में सऊदी दूतावास पर हमला किया गया था। चीन द्वारा मध्यस्थता करने पर एक ऐतिहासिक समझौते के बाद, सात साल के गतिरोध के बाद मार्च 2023 में पड़ोसियों के बीच संबंध बहाल हुए थे। सिराज/ईएमएस 02जनवरी25