व्यापार
02-Jan-2025
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मुंबई (ईएमएस)। भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और लगातार इंफास्ट्रक्चर विकास के कारण 2025 में भी शेयर बाजार में तेजी रहेगी। यह बयान सोमवार को बाजार जानकारों के द्वारा दिया गया। बाजार जानकार ने कहा कि कैपिटल गुड्स, टेक्नोलॉजी, वित्तीय सेवाएं, उपभोग और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद है, जबकि सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युफैक्चरिंग, रिन्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे उभरते क्षेत्र निवेशकों का अधिक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। 2024 भारतीय शेयर बाजार के लिए एक उतार-चढ़ाव वाला साल रहा। इसकी वजह अर्थव्यवस्था का धीमा होना, तरलता की सख्त स्थिति और सरकारी खर्च में देरी होना था। हाल ही में आरबीआई द्वारा सीआरआर में कटौती से तरलता की स्थिति में नरमी आने की उम्मीद है। साथ ही सरकारी खर्च में भी बढ़ोतरी हुई है। इन दो कारकों के कारण इंडस्ट्रियल आउटपुट और उपभोग में सुधार होने की संभावना है। अक्टूबर 2024 तक सरकार का पूंजीगत व्यय 4,66,545 करोड़ रुपये रहा। इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में केंद्र द्वारा निवेश बढ़ाने से इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा और रेलवे जैसे क्षेत्रों में सुधार देखने को मिल सकता है। जानकार ने बताया कि शहरी खपत में धीमापन होने के कारण एफएमसीजी सेक्टर पर नकारात्मक असर हुआ है, लेकिन अब इसमें रिकवरी होती दिख रही है। इसकी वजह सरकारी खर्च में सुधार होना और वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। वहीं एक रिसर्च टीम ने कहा कि 2024 भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए एक उल्लेखनीय साल रहा है, खासकर स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों के लिए, जिन्होंने उल्लेखनीय रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है। टीम ने कहा कि 2025 में भी स्मॉलकैप और मिडकैप का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स, जिसने हाल ही में एक मल्टी-ईयर रुकावट के स्तर का ब्रेकआउट दिया है 22,700 के स्तर तक जा सकता है। वहीं, निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 67,700 के स्तर को छू सकता है। आशीष/ईएमएस 02 जनवरी 2025