जिंदगी में अगर जोश नहीं है फिर जीने का मतलब भी कुछ नहीं है। अलबत्ता यूँ कहें कि जिंदगी का दूसरा नाम जोश है। यह दीगर बात है कि हम कभी -कभी जोश में होश खो बैठते हैं। जहाँ हम होश खो बैठते हैं वहीं जिंदगी को हम जंग बना देते है। वैसे हमारे पास पड़ोस में ऐसे जोशीले लोग भरे पड़े हैं। जिनके जोश के आगे सर्कस के कलाबाज भी पानी भरते हैं। वह जिंदगी को बाजीगरी के रूप में देखते हैं। दरअसल ऐसे लोग असल जिंदगी में स्टंटमैन होते हैं। इनकी कलाबाजी के किस्से हमारी जिंदगी में आम होते हैं। घर से लेकर बाहर तक ऐसे स्टंटबाज देखने को मिल जाते हैं। महानगरों में ऐसी फ़िरकी करने वालों की कमी नहीं है। चलती लोकल ट्रेन के साथ प्लेटफॉर्म पर ऐसे दौड़ते हैं जैसे वे खुद ही बुलेट ट्रेन हों। चलती रेल के डिब्बों से लटकते हुए गजब की कलाबाजी दिखाते है। ऐसी कलाबाजी तो हमने कभी सर्कस में भी नहीं देखी। सर्कस के कलाबाज अगर अपनी कलाबाजी दिखाते हैं तो सुरक्षा के लिए उपाय भी रखते हैं। मौत के कुएँ में कलाबाजी दिखाने वाला कलाकार गोले से बाहर कभी नहीं निकलता। शेर के पास खड़ा स्टंटमैन उसे कोड़े से नियंत्रित करता है। काफी ऊंचाई पर झूले का खेल दिखाने वाले कलाबाज बिना जाल के करतब नहीं दिखाते हैं। लेकिन हमारे आसपास बिखरे ऐसे कलाबाज वाकई कितने साहसी और खतरों के खिलाड़ी होते हैं। वे अपने को खिलाड़ी बाकि दुनिया और लोगों को अनाड़ी समझते हैं। हम उनकी कला के आगे सिर झुकाते है। हमारे आसपास बिखरे इन कलाबाजों के बारे में मैं कभी -कभी गंभीर चिंतन करता हूँ। ऐसे प्रजाति के लोग की जन्म कुंडली देखता हूँ तो बड़े गतिशील होते हैं। इनकी कुंडली में ठहराव शब्द का सर्वथा अभाव रहता है। इनकी गतिशीलता कुम्हार के चाक से भी अधिक गतिमान होती है। इनके जीवन में एक और खासियत होती है यह स्टंटबाज के साथ -साथ सेल्फीबाज भी होते है। कभी पहाडों, डैम और सड़कों पर बाइक रेसिंग करते अपनी सेल्फी और वीडियो सोशलमीडिया पर डालकर लोगों में काफी लोकप्रिय भी हो जाते हैं। खुली सड़कों पर रेसिंग करते ऐसे लोग खूब दिखते हैं। जाम में तो ऐसे स्टंटबाज नागिन डांस करते हैं। अपनी महंगी बाइक को नागिन जैसी नचाते हैं। अपने शरीर को भी लचीला छड़ बना लेते हैं। जैसे -जैसे बाइक नागिन डांस करती भीड़ से निकलती है वैसे -वैसे उनकी शरीर भी डांस करती है। ट्रेन आने के पहले रेलवे फाटक बंद हो जाता है, लेकिन इनकी जिंदगी इतनी गतिशील है कि ऐसे लोग फाटक खुलने का इंतजार भी नहीं करते हैं, बल्कि खुद नागिन डांस करते बंद रेल फाटक से क्रॉस कर जाते हैं। वह रेल कानून को भी अंगूठा दिखाते हैं। उनकी यह कलाबाजी आम लोगों को भी अच्छी लगती है, लेकिन अफ़सोस लोग ऐसा नागिन डांस कर नहीं पाते। कभी वह वक्त भी आता है जब इनकी कलाबाजी परिवार, समाज और खुद के लिए एक बुरे हादसे में तब्दील हो जाती है और खुद तस्वीरों में एक याद बन जाते है। (बरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं समीक्षक ) .../ 2 जनवरी /2024