ट्रेंडिंग
01-Jan-2025
...


लोगों ने उठाए सवाल, यह प्रतिमा स्थानीय इनपुट के बिना ही लगाई श्रीनगर,(ईएमएस)। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के तट पर 14,300 फीट की ऊंचाई पर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा का अनावरण 26 दिसंबर को किया गया था। अब इसको लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ स्थानीय नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं। प्रतिमा का उद्घाटन मराठा लाइट इन्फैंट्री के अधिकारियों ने किया था। लद्दाख स्थित 14 कोर या फायर एंड फ्यूरी कोर ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि वीरता, दृष्टि और अटूट न्याय के विशाल प्रतीक शिवाजी। प्रतिमा का उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला, जीओसी फायर एंड फ्यूरी कोर और मराठा लाइट इन्फैंट्री के कर्नल ने किया था। मीडिया रिपोर्ट में लेह के चुशुल क्षेत्र के पार्षद और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी परिषद (लेह) के सदस्य खोंचक स्टैंजिन ने प्रतिमा की स्थापना पर असंतोष जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि वह एक स्थानीय निवासी के रूप में मुझे पैंगोंग में शिवाजी की प्रतिमा के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त करना चाहिए था। यह प्रतिमा स्थानीय इनपुट के बिना ही लगाई गई है। उन्होंने अद्वितीय पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाया है। राजनीतिक कार्यकर्ता सज्जाद करगिल्ली ने भी लद्दाख के लिए प्रतिमा के सांस्कृतिक महत्व पर सवाल उठाते हुए इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की कोई सांस्कृतिक या ऐतिहासिक प्रासंगिकता नहीं है। हम उनकी विरासत का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह के सांस्कृतिक प्रतीकों को यहां लागू करना गलत है। प्रतिमा के मुद्दे पर सशस्त्र बलों के दिग्गजों में भी मतभेद हैं। सेवानिवृत्त मेजर जनरल बीरेंद्र धनोआ ने 14 कोर के पद पर टिप्पणी की और कहा कि सशस्त्र बलों में किसी भी ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज या रेजिमेंट के ध्वज से ऊपर नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने प्रतिमा के उद्घाटन को सोशल मीडिया पर प्रचारित करने के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक यूनिट और कर्नल ऑफ द रेजिमेंट के संबंध को सोशल मीडिया पर क्यों प्रचारित किया गया? क्या सभी निश्चित वर्ग यूनिट्स कोर जेड में मूर्तियां खड़ी कर रही हैं जो उनके पैतृक क्षत्रपों के अनुरूप हैं? यदि नहीं, तो एसएम एक बार के लिए जगह नहीं है। सिराज/ईएमएस 01जनवरी25