अंतर्राष्ट्रीय
31-Dec-2024
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लंदन (ईएमएस)। एरोप्लन के साथ बर्ड स्ट्राइक क्या होती है और कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। आइए, इस बारे में आज जानकारी देते हैं। दरअसल विमान से जब पक्षियों की टक्कर होती है तो इसे बर्ड स्ट्राइक कहते हैं। यह विमान सुरक्षा के लिए सबसे सामान्य लेकिन गंभीर खतरों में से एक है। बर्ड स्ट्राइक ज्यादातर टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान ही होती है। हालांकि, हर बर्ड स्ट्राइक घातक नहीं होती। लेकिन कुछ मामलों में यह बड़े हादसों का कारण बन सकती है। जब पक्षी विमान के ढांचे से टकराते हैं तो आमतौर पर यह गंभीर समस्या नहीं होती। लेकिन अगर पक्षी विमान के इंजन में घुस जाएं तो यह इंजन को क्षतिग्रस्त कर सकता है। जिससे थ्रस्ट (गति) की कमी और कंट्रोल में कठिनाई हो सकती है। इंजन में पक्षियों के फंसने से इंजन की फैन ब्लेड्स को भारी नुकसान हो सकता है। इससे इंजन फेल हो सकता है। ऐसी स्थिति में पायलट आमतौर पर विमान को नजदीकी एयरपोर्ट पर उतारने की कोशिश करते हैं। अमेरिका में 2009 में बर्ड स्ट्राइक का बड़ा मामला सामने आया था। उस वक्त न्यूयॉर्क से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद यूएस एयरवेज की फ्लाइट 1549 के दोनों इंजन पक्षियों के झुंड से टकराने के कारण फेल हो गए। कैप्टन चेस्ली सुलनबर्गर ने विमान को हडसन नदी में सुरक्षित लैंड कराया और सभी 155 यात्री बच गए। छोटे विमानों को बर्ड स्ट्राइक से ज्यादा नुकसान पहुंचता है। हालांकि, बड़े यात्री विमान जैसे बोइंग 737 और एयरबस ए320 एक इंजन के सहारे भी सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम होते हैं। लेकिन टेक-ऑफ और लैंडिंग जैसे महत्वपूर्ण चरणों के दौरान बर्ड स्ट्राइक पायलट का ध्यान भटका सकती है। जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है। एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों की मौजदूगी बर्ड स्ट्राइक की सबसे बड़ी वजह है। मानसून के दौरान पानी के जमाव और कीड़ों की बढ़ती संख्या पक्षियों को इन इलाकों में आकर्षित करती है। इसके अलावा एयरपोर्ट के पास कूड़े के ढेर या लैंडफिल साइट्स भी पक्षियों की गतिविधि को बढ़ा सकते हैं। 2019 में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हर 10,000 उड़ानों में 11 वाइल्डलाइफ स्ट्राइक की घटनाएं हुईं। इसका एक बड़ा कारण कूड़े के ढेर को हटाने के बाद पक्षियों का बेतरतीब उड़ान भरना था। भारत में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए ने वाइल्डलाइफ स्ट्राइक को प्राथमिकता दी है। एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों और जानवरों की उपस्थिति को कम करने के लिए नियमित निरीक्षण किए जाते हैं। आधुनिक जेटलाइनर में टर्बोफैन इंजन होते हैं। जिनमें पक्षियों के टकराने से गंभीर क्षति हो सकती है। इंजन निर्माता इसकी सुरक्षा जांच के लिए तेज गति से चल रहे इंजन पर जमी हुई मुर्गी को फायर करके परीक्षण करते हैं। दक्षिण कोरिया में हुए प्लैन क्रैशन ने फिर से विमान सुरक्षा में बर्ड स्ट्राइक की गंभीरता को उजागर किया है। बता दें कि दक्षिण कोरिया के भयानक प्लेन क्रैश में 170 से अधिक लोगों की जान चली गई। यह हादसा मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस वक्त हुआ जब विमान लैंडिंग करते समय रनवे से फिसलकर दीवार से टकरा गया। देखते ही देखते पूरा विमान आग की लपटों में घिर गया। मुआन फायर स्टेशन के प्रमुख ली जियोंग-ह्योन ने क्रैश के कारणों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि विमान पर चिड़ियों की टक्कर (बर्ड स्ट्राइक) भी इस हादसे का संभावित कारण हो सकती है। सुदामा/ईएमएस 31 दिसंबर 2024