मुंबई (ईएमएस)। सुष्मिता सेन के पिता उनके मिस इंडिया में जाने से नाराज थे। वहीं मां ने उनकी फिनाले ड्रेस पर्दे के कपड़े से बनवाई थी। सुष्मिता ने कहा कि उन्होंने मां के कहने पर मिस इंडिया का फॉर्म भरा था। जब उनकी मां ने इसकी जानकारी पिता को दी, तो उन्होंने दो दिनों तक बात नहीं की। वो चाहते थे कि सुष्मिता आईपीएस ऑफिसर बनने के लिए पढ़ाई पर ध्यान दें। साल 1994 में सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स जीतने वाली पहली भारतीय बनीं और उनका नाम इतिहास में दर्ज हुआ। हालांकि ये सफर उनके लिए आसान नहीं था। हाल ही में सुष्मिता ने एक शो में अपने सफर के स्ट्रगल पर बात की। सुष्मिता ने बताया कि उनकी मां ने किसी तरह पिता को राजी किया। हालांकि उन्होंने शर्त रख दी कि जितना वो बजट दे रहे हैं उसी में पूरी तैयारी की जाए। सुष्मिता ने कहा, जो बजट मुझे मिला था, मैं उसमें सिर्फ सरोजनी नगर से शॉपिंग कर सकती थी। हम सड़कों पर लगने वाली हैंगर वाली दुकाने गए, वहां से मेरी मां ने बिना मुझसे पूछे कुछ कपड़े खरीदे, उसमें पर्दे का कपड़ा भी शामिल था। वो अंग्रेजी मैगजीन उठाकर बिल्डिंग के नीचे पेटीकोट सिलने वाले के पास गईं। उन्होंने एक तस्वीर दिखाकर कहा कि ये ड्रेस मेरी बेटी के लिए बना दो उसे स्टेज पर पहनना है। पेटीकोट सिलने वाले इंसान ने मेरी गाउन बनाई, जिसमें मैंने मिस इंडिया जीता। मम्मा ने सॉक्स में इलास्टिक डालकर मेरे ग्लव्स तैयार किए। सुष्मिता ने बताया कि वो मिस इंडिया के शुरुआती 4 राउंड में कुछ खास नहीं कर सकीं, जबकि ऐश्वर्या हर राउंड जीत रही थीं। उनकी मां उन्हें देखने गोवा के लिए निकल ही रही थीं कि उन्होंने कॉल कर इनकार कर दिया। सुष्मिता ने कहा कि वो सारे राउंड हार चुकी हैं, वो कहीं कॉम्पिटिशन में नहीं दिखेंगी, ऐसे में उन्हें अच्छा नहीं लगेगा, अगर मां उनके सामने रहेंगी। सुष्मिता की बात मानकर उनकी मां बॉम्बे में ही रुक गईं। काम्पिटिशन में सुष्मिता टॉप-5 में पहुंचीं, लेकिन उन्हें यकीन था कि वो नहीं जीतेंगी। सुदामा/ईएमएस 31 दिसंबर 2024