- शेयर बाजार ने लगातार नौवें साल बेहतर रिटर्न भी दिया नई दिल्ली (ईएमएस)। दलाल स्ट्रीट के लिए 2024 का साल काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा। भारतीय शेयर बाजारों ने साल के दौरान कई बार रिकॉर्ड बनाए, पर दूसरी ओर उन्हें बड़े नुकसान का भी सामना करना पड़ा। फिर भी घरेलू कोषों के प्रवाह और मजबूत वृहद परिदृश्य की वजह से स्थानीय शेयरों ने निवेशकों को सकारात्मक प्रतिफल दिया। 2024 में पहली हाफ में कंपनियों के मजबूत वित्तीय नतीजों, घरेलू कोषों के प्रवाह में उछाल और मजबूत वृहद परिदृश्य की वजह से निफ्टी सितंबर, 2024 में 26,277.35 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा। बाजार के जानकारों के मुताबिक पिछले दो माह में बाजार अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से नीचे आ गया है। यह तीसरी बड़ी गिरावट थी, जो 2020 में कोविड-19 के बाद आई थी। चुनावों के अलावा अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ इजरायल-ईरान संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी शेयर बाजारों पर असर डाला। वर्ष 2024 में तेजड़ियों और मंदड़ियों के बीच काफी संघर्ष देखा गया। वैश्विक वृहद आर्थिक आंकड़ों और भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार को काफी प्रभावित किया, लेकिन भारतीय बाजारों ने अच्छा प्रदर्शन किया और निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि यह मूल्यांकन में उछाल का साल भी था, जिसने भारतीय बाजारों को दुनिया में सबसे महंगा बनाया। अंतत: ‘करेक्शन’ देखने को मिला। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इस साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। निफ्टी भी अपने 26,277.35 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर को छुआ था। साल के दौरान छोटी और मझोली कंपनियों ने बड़ी कंपनियों से बेहतर रिटर्न दिया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को ‘लार्जकैप’ की तुलना में अधिक रिटर्न दिया। निफ्टी और सेंसेक्स का प्रदर्शन विदेशियों की जबरदस्त बिकवाली के कारण कमजोर रहा। सितंबर में, सेंसेक्स एक अच्छे रिकॉर्ड स्तर से 8.46 प्रतिशत नीचे आ गया है, जबकि निफ्टी 9.37 प्रतिशत टूट गया है। अक्टूबर में सेंसेक्स 5.82 प्रतिशत नीचे आया और निफ्टी 6.22 प्रतिशत नीचे आई थी। दिसंबर तक सेंसेक्स 1.38 प्रतिशत नीचे आ गया है और एफआईआई ने अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की निकासी की है। बीते साल सेंसेक्स 18.73 प्रतिशत उछला था, जबकि निफ्टी में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई थी। सतीश मोरे/29दिसंबर ---