आज भी पूर्व पीएम के नाम है प्राइमरी स्कूल का नाम, मशहूर हैं उनके किस्से करांची,(ईएमएस)। देश में आर्थिक उदारीकरण का चेहरा पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे। मनमोहन सिंह के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत पक्ष-विपक्ष के तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। उनके निधन पर देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा। नेताओं से लेकर आम लोग मनमोहन सिंह से जुड़ी यादें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं, उनसे जुड़े किस्से याद किए जा रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का गाह गांव जहां मनमोहन सिंह का जन्म हुआ था। अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में 26 सितंबर 1932 को जन्मे मनमोहन सिंह ने कक्षा चार तक की पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल में ही की थी। मनमोहन सिंह 1937 से 1941 के बीच इस प्राइमरी स्कूल के छात्र रहे। विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार अमृतसर आ गया था। इस सरकारी स्कूल का नामकरण पाकिस्तान की सरकार ने बाद में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नाम पर ही कर दिया था- मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज प्राइमरी स्कूल। इस स्कूल में मनमोहन सिंह के पंजीकरण रिकॉर्ड से लेकर परीक्षाफल तक के रिकॉर्ड आज भी सुरक्षित रखे हुए हैं। इस स्कूल का जिक्र कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने अपनी किताब में भी किया है। उन्होंने लिखा है कि एक बार पाकिस्तान दौरे से लौटकर पीएम आवास पर डॉक्टर मनमोहन सिंह के साथ बैठा हुआ था। इस दौरान डॉक्टर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जाने का मन मेरा भी है। उनसे पूछा कि पाकिस्तान में कहां जाना चाहते हैं तो डॉक्टर सिंह का जवाब था अपने गांव। इस किताब के मुताबिक राजीव शुक्ला ने तब के मनमोहन सिहं से यह पूछा कि क्या आप अपना पैतृक घर देखना चाहते हैं। डॉक्टर सिंह ने राजीव शुक्ला के सवाल के जवाब में कहा था कि नहीं, मेरा घर तो बहुत पहले ही खत्म हो गया था। उस स्कूल को देखना चाहता हूं जहां पर कक्षा चार तक पढ़ाई की थी। मनमोहन सिंह पीएम रहते या उसके बाद, पाकिस्तान नहीं गए और उनकी ये ख्वाहिश अधूरी ही रह गई। हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने इस स्कूल का नामकरण उनके नाम कर दिया और गाह को आदर्श गांव घोषित कर दिया गया था। मनमोहन सिंह से जुड़ी यादें, किस्से पाकिस्तान के गाह गांव की गलियों में आज भी जिंदा हैं। सिराज/ईएमएस 27दिसंबर24