यूएन से भेजी गई राहत सामग्री को रास्ते में ही लूटा जा रहा गाजा (ईएमएस)। करीब 15 माह से जारी इजराइल-हमास युद्ध की वजह से गाजा के 23 लाख लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात उत्तर गाजा की है। हालात इतने खराब है कि यूएन की तरफ से भेजी जा रही राहत सामग्री को रास्ते में ही लूटा जा रहा है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उत्तर गाजा में पिछले ढाई माह में राहत सामग्री के सिर्फ 12 ट्रक ही पहुंचे है, जबकि 100 से ज्यादा ट्रकों को रास्ते में ही लूट लिया गया। हालात इतने खराब हैं कि लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। औरतें और बच्चे कचरे के ढेर से खाना बीनकर खाने को मजबूर हो चुके हैं। आरोप है कि 6 अक्टूबर से इजराइल जानबूझकर जबालिया, बेत लाहिया और बेत हनून की सैन्य घेराबंदी बढ़ा रहा है। ऐसा करके इजराइल उत्तरी गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने से रोक रहा है। रिपोर्ट में बताया गया हैं कि 15 लोगों के परिवार में खाने के लिए सिर्फ एक पैकेट बिस्किट है। एक तिरपाल की कीमत 15 हजार रुपए है। एक तंबू बनाने के लिए 5 तिरपाल (76 हजार रुपए) चाहिए। बिजली की कोई संभावना नहीं है। रिपोर्ट में यूएन के एक कर्मचारी के हवाले से बताया कि एक पूरा परिवार एक अंडे के लिए डेर अल-बला इलाके में खोज कर रहा था, ताकि टूटी हड्डी वाले एक रिश्तेदार की कैल्शियम की जरूरत पूरी हो सके। अंडे की कीमत करीब 500 रुपए थी। लुटेरा राहत ट्रकों के ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि गाजा में सबसे बड़ी लुटेरी गैंग यासर अबू शबाब की है। उसका गिरोह पूर्वी राफेह के नत्र इलाके पर हावी है। वह राफेह का माफिया है। 25 नवंबर को हमास ने छापा मारा, जिसमें अबू के भाई सहित 20 लोग मारे गए थे। हमास का आरोप है कि गाजा में राहत सामग्री लूटने वाली गैंग को इजराइली सेना समर्थन दे रही है। दावा है कि शबाब की गैंग अभी तक सौ से ज्यादा ट्रकों को लूट चुकी है। इजराइल का कहना है कि हमास के लड़ाके ही राहत सामग्री लूट रहे हैं। आशीष दुबे / 27दिसंबर24