ज़रा हटके
27-Dec-2024
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लंदन,(ईएमएस)। प्राचीन मानवों के रहन-सहन और उनके जीवन के बारे में अक्सर सवाल उठते हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक और दिलचस्प राज से पर्दा उड़ा दिया है। हिम युग के एक बच्चे के अवशेषों ने नए शोध से साबित किया है कि उसका रंग-रूप और जीवन कैसे थे। यह बच्चा करीब 17,000 साल पहले आज के दक्षिणी इटली में रहता था। 1998 में, एक पुरातत्वविद् मौरो कैलाटिनी को इटली के मोनोपोली क्षेत्र स्थित ग्रोटा डेल्ले मूरा गुफा में बच्चे के अवशेष मिले थे। अब, उन अवशेषों का डीएनए विश्लेषण के बाद वैज्ञानिकों ने कई महत्वपूर्ण बाते पता चली है। विश्लेषण से पता चला कि यह बच्चा एक मेल था और इसकी आंखें नीली, त्वचा सांवली, और बाल घुंघराले गहरे भूरे या लगभग काले रंग के थे। डीएनए से जानकारी मिली कि बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था और उसकी मृत्यु इसी कारण हुई। इसके अलावा, विश्लेषण से पता चला कि बच्चे के माता-पिता के बीच नजदीकी रिश्ते थे, यानी वे संभवत: पहले कजिन थे। हालांकि, पुरापाषाण काल में इस तरह के रिश्ते दुर्लभ थे, लेकिन नवपाषाण काल में यह आम बात थी। गुफा में मिली एकमात्र कब्र में कोई अन्य सामान नहीं था, और कब्र दो चट्टानी स्लैब के नीचे स्थित थी। इस खोज से वैज्ञानिकों को दक्षिणी यूरोप की शुरुआती मानव आबादी के बारे में अनमोल जानकारी प्राप्त हुई है। शोधकर्ता के अनुसार, जेनेटिक एनालिसिस से यह पता चलता है कि बच्चों के माता-पिता का रिश्ता बहुत करीब था, जो उस समय में सामान्य था। इस शोध का उद्देश्य ऊपरी पुरापाषाण काल के शुरुआती जीवन को समझना है। इस अध्ययन के दौरान कंकाल के अवशेषों का विश्लेषण करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया गया, जिससे उस बच्चे के विकास और जीवन के बारे में अभूतपूर्व जानकारी प्राप्त हुई। इस अध्ययन ने यह स्पष्ट किया कि यह बच्चा इतालवी प्रायद्वीप में उस समय के महत्वपूर्ण बसावट काल के दौरान जीवित था। इस शोध से यह भी पता चलता है कि प्राचीन मानवों के जीवन और उनकी शारीरिक संरचना के बारे में अब हमें और अधिक जानकारी मिल रही है, जो मानव इतिहास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आशीष दुबे / 27दिसंबर24