वाराणसी (ईएमएस)। बांग्ला देश के हिंदू अपने लिए हिंदू भूमि नाम से अलग राष्ट्र चाहते हैं। उन सभी की इच्छा है कि तब तक भारतीय सीमा से लगा क्षेत्र सेफ जोन घोषित हो।यह जानकारी बांग्लादेश से काशी पहुंचे हिंदुओं ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को दी। वह सभी अपना नाम और पहचान छुपा कर बुधवार को श्री विद्या मठ में पत्रकारों से मिले। इस दौरान शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद ने बताया कि बांग्लादेश से आए हिंदू चाहते हैं कि भारत और बांग्लादेश के बीच आबादी की अदला-बदली हो। जितने बांग्लादेशी मुसलमानों ने भारत में शरण ली है, सब की पहचान करके उसे वापस भेजा जाए और उनके बदले वहां के हिंदुओं को भारत आने की इजाजत दी जाए। जैसे दुनिया में कहीं भी पैदा होने वाले यहूदी को इसराइल अपने देश की नागरिकता देता है।उसी तरह हिंदुओं को भारत में सुविधा मिलनी चाहिए।5 अगस्त 2024 से पहले जो भी बांग्लादेशी हिंदू भारत आए हैं, उन्हें वहां की स्थिति सामान्य होने तक भारत में रहने की इजाजत दी जाए। बांग्लादेश में हिंदुओं के समर्थन और सहयोग के लिए वस्तु स्थिति के मूल्यांकन के लिए शंकराचार्य पीठ की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश भेजा जाना चाहिए। केदारघाट (वाराणसी )स्थित श्री विद्या मठ में बांग्लादेशी हिंदुओं ने बताया कि वहां वर्तमान में जो हो रहा है वह एक दिन में नहीं हुआ है। पिछले 25 सालों में 30 लाख से ज्यादा हिंदुओं का कत्ल किया जा चुका है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश के अस्तित्व में आने के समय वहां हिंदुओं की आबादी 23 फिसदी थी, जो अब सात फिसडी ही बची है। हिंदू महिलाओं के साथ अभद्रता की जा रही है। शिकायत करने पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती। डॉ नरसिंह राम/26/12/2024