- केमिस्ट एसोसिएशन ने उठाई मांग भोपाल (ईएमएस)। कोरोना काल के समय दवाई की होम डिलीवरी करने की अनुमति दी गई थी। उस समय तो मजबूरी थी, लेकिन अब नहीं है। ऐसे में दवा सप्लाई का दुरुपयोग हो रहा है। गलत दवाई मरीज तक पहुंचा दी जाती है। जिनके हाथों में होम डिलीवरी का जिम्मा है, उन्हें अनुभव नहीं रहता। इसलिए सरकार से मांग है कि दवाई की होम डिलीवरी बंद हो। ऐसा नहीं होता है, तो एसोसिएशन आंदोलन करेगी। यह कहना है भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़ का, उन्होंने ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के लेटर का हवाला देते हुए कहा कि यदि ऑनलाइन डिलीवरी बंद नहीं की गई, तो भोपाल में भी आंदोलन करेंगे। होम डिलीवरी से यह खतरा अध्यक्ष धाकड़ ने बताया कि भारत में दवाओं के वितरण के लिए कड़े नियम बने हुए हैं, जो रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इस साझेदारी में उचित पर्चे की जांच और रोगी की पहचान जैसे महत्वपूर्ण मानकों की अनदेखी की आशंका है, जिससे आम नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। वहीं, ई-फार्मेसी के अनियंत्रित संचालन से इस समस्या में और वृद्धि होने का डर है। अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल के चलते एक्सपायर या नकली दवाइयों की संभावना बढ़ सकती है, जो रोगी सुरक्षा के लिए हानिकारक है। इस प्रकार के मॉडल में आवश्यक गुणवत्ता मानकों का पालन संभव नहीं हो पाता। वहीं, दवाओं का वितरण फॉर्मसिस्ट की देखरेख में ही हो सकता है। एसोसिएशन की मांग है कि दवाओं की बिक्री और वितरण के लिए प्रिस्क्रिप्शन और अन्य सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन हो। ऑनलाइन बिक्री को तत्काल रोका जाए। ताकि, दवाओं की अनियमित बिक्री को रोका जा सके। विनोद / 26 दिसम्बर 24