23-Dec-2024


अहमदाबाद (ईएमएस)| आगामी 25 दिसंबर 2024, सुशासन दिवस से मुख्यमंत्री का ऑनलाइन जनशिकायत निवारण कार्यक्रम ‘स्वागत’ टेक्नोलॉजी के त्वरित उपयोग से और भी सुदृढ़ एवं प्रभावी बनेगा| मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ‘स्वागत 2.0’ ऑटो एस्केलेशन मैट्रिक्स और ‘स्वागत’ मोबाइल ऐप को ई-लॉन्च करेंगे| पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजस्व एवं पंचायत विभाग तथा पाटण एवं खेड़ा जिले में संचालित ऑटो एस्केलेशन मैट्रिक्स की सफलता के बाद अब इसे सभी विभागों और सभी जिलों में लागू किया जाएगा| दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लोगों की शिकायतों के पारदर्शी और प्रभावी निराकरण तथा लोग राज्य के मुखिया के समक्ष अपनी शिकायतें आसानी से रख सकें, इसके लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग से वर्ष 2003 से ‘स्वागत’ (स्टेट वाइड अटेंशन ऑन ग्रिवेंसेस बाई एप्लीकेशन ऑफ टेक्नोलॉजी) कार्यक्रम शुरू किया है। नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से शुरू हुए जन शिकायत निवारण के इस टेक्नोलॉजी युक्त दृष्टिकोण ‘स्वागत’ के पूरे हो चुके इन दो दशकों में अनेक शिकायतों और समस्याओं का सफलतापर्वक निवारण किया गया है। ‘स्वागत’ की सफलता ने देश और दुनिया के समक्ष यह उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे टेक्नोलॉजी के उपयोग से सुशासन के स्तर को लगातार उत्कृष्ट बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2023 में ‘स्वागत’ के 20 वर्ष पूरे होने पर विशेष प्रेरक संबोधन कर इस सफलता की प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में 2003 से शुरू किए गए सुशासन के उत्तम प्रयोग- ‘स्वागत’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार प्रतिष्ठित अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं। ‘स्वागत’ का दायरा राज्य स्वागत से लेकर जिला, तालुका और ग्राम स्वागत तक फैला हुआ है और इसके जरिए जनसामान्य के मन में यह भरोसा पैदा हुआ है कि सरकार उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान करती है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘स्वागत’ में नए टेक्नोलॉजी युक्त आयाम जोड़कर सुशासन की इस विश्वसनीयता को और भी सुदृढ़ किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुशासन के प्रेरणास्रोत पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की जो परंपरा स्थापित की है, उसके तहत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात ने ‘स्वागत 2.0’ की इन नई सुविधाओं के साथ एक और कदम उठाने का निर्णय किया है। इन नई सुविधाओं के अंतर्गत सुशासन दिवस-2023 से ऑटो एस्केलेशन मैट्रिक्स पद्धति को राजस्व एवं पंचायत विभाग तथा पाटण और खेड़ा जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कार्यान्वित किया गया। इस पायलट प्रोजेक्ट से प्राप्त बहुत ही अच्छे परिणामों के चलते मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अब इस वर्ष के सुशासन दिवस यानी 25 दिसंबर, 2024 से सभी विभागों और सभी जिलों में इस पद्धति को लागू करने का निर्णय किया है। स्वागत मोबाइल एप्लीकेशन इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री सुशासन दिवस, 25 दिसंबर को सिटीजन एम्पॉवरमेंट के अंतर्गत स्वागत मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च करेंगे। नागरिक अपने मोबाइल के जरिए आसानी से शिकायतें और समस्याएं दर्ज करा सकें, इस उद्देश्य से यह मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। कोई भी नागरिक अपने मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन कर इस ऐप के माध्यम से जिला और तालुका स्तर की शिकायतें ऑनलाइन तरीके से कर सकेगा और अपने द्वारा किए गए आवेदन की स्थिति भी जान सकेगा। इसके अलावा, इस मोबाइल ऐप में आवेदन पर की गई कार्रवाई का फीडबैक देने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। कैसे काम करेगा ऑटो एस्केलेशन मैट्रिक्स ऑटो एस्केलेशन मैट्रिक्स में आवेदकों द्वारा की गई शिकायतों या अभ्यावेदनों को उनकी गंभीरता या जटिलता के आधार पर ग्रीन, यलो और रेड चैनल में वर्गीकृत किया गया है, साथ ही प्रत्येक स्तर के लिए शिकायत के निस्तारण के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की गई है। नागरिकों की शिकायतों या अभ्यावेदनों को शिकायत निवारण के लिए उसी अधिकारी को ऑनलाइन माध्यम से उसके लॉगिन में भेजा जाता है, जिसकी इस विषय में सीधी जिम्मेदारी होती है। शिकायतकर्ता को भी इस संबंध में एसएमएस के जरिए जानकारी दी जाती है। शिकायतकर्ता के अभ्यावेदन पर संबंधित अधिकारी को तय समय सीमा में आवश्यक कार्रवाई करनी होगी। अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई को पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन अपलोड करना होगा। शिकायतकर्ता अपने यूनिक आईडी से शिकायत के संबंध में जवाब को डाउनलोड भी कर सकता है। यदि संबंधित अधिकारी द्वारा तय समय सीमा में जबाव नहीं दिया जाता है, तो वह शिकायत समय सीमा पूरी होने पर ऑटोमेटिक उससे एक स्तर ऊपर के अधिकारी के एकाउंट में ऑटो एस्केलेट हो जाती है। उसके बाद उच्च अधिकारी को शिकायत का निपटान करना होता है। शिकायतकर्ता को दिए गए जवाब को एक स्तर ऊपर के अधिकारी द्वारा अनिवार्य रूप से सत्यापित करना होता है। शिकायत का संतोषकारक और उचित रूप से निपटान होने के संबंध में सत्यापन होने के बाद ही शिकायत का अंतिम निस्तारण माना जाता है। शिकायतकर्ता अपनी शिकायत या अभ्यावेदन के संबंध में की गई कार्रवाई पर फीडबैक दे सकता है। यदि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत पर की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो फीडबैक देकर शिकायत को एक स्तर ऊपर के अधिकारी को एस्केलेट भी कर सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा भी इन आवेदनों की निगरानी की जाती है। यदि किसी शिकायत का उचित तरीके से जवाब नहीं दिया जाता, तो ऐसे आवेदनों को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक स्तर ऊपर के अधिकारी को एस्केलेट किया जाता है। स्वागत की सफलता ऑटो एस्केलेशन मैट्रिक्स का पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद कुल 21,540 आवेदनों में से 90 फीसदी आवेदनों का प्राथमिक स्तर पर ही समय सीमा में गुणात्मक निपटान किया गया है। तालुका स्वागत और जिला स्वागत में भी इन सभी विषयों को लागू किया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की जनसंपर्क इकाई द्वारा पूरे राज्य में क्षमता निर्माण के लिए जिला, तालुका और विभाग स्तर के लगभग 3000 अधिकारियों को चरणबद्ध रूप से प्रशिक्षण दिया गया है। नागरिकों की शिकायतों के तहसील, जिला और विभाग स्तर पर त्वरित एवं गुणात्मक निस्तारण के लिए तहसील, जिला और विभाग स्तर पर मॉनिटरिंग डैशबोर्ड तैयार किए गए हैं। ‘स्वागत’ शिकायत निवारण का एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसमें मुख्यमंत्री की उपस्थिति में संबंधित विभाग के अधिकारी शिकायतकर्ता की समस्या का निराकरण करते हैं। ‘स्वागत’ पोर्टल में अप्रैल 2003 से नवंबर 2024 तक प्राप्त शिकायतों में से 98.3 फीसदी आवेदनों का सकारात्मक निपटान किया गया है, जो ‘स्वागत’ की सफलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने ‘स्वागत’ में उठाए गए मुद्दों के प्रति संवेदना दर्शाते हुए अनेक नीति विषयक निर्णय भी किए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की प्रेरणा और मार्गदर्शन से अब इस ऑटो एस्केलेशन मैट्रिक्स पद्धति का सुशासन दिवस 2024 से राज्य के सभी जिलों में और सरकार के सभी विभागों में कार्यान्वयन होने से ‘स्वागत’ की व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ एवं टेक्नोलॉजी से सुसज्जित होने से सुशासन को गति मिलेगी। सतीश/23 दिसंबर

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