रांची(ईएमएस)।सीएमपीडीआई के कॉन्फ्रेंस हॉल में सोमवार को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (उपक्रम) नराकास रांची की बैठक हुई। सीएमपीडीआई के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष नराकास (उपक्रम) मनोज कुमार की अध्यक्षता में इसकी बैठक की गई। इस अवसर पर निदेशक (तकनीकी/सीआरडी) शंकर नागाचारी, विचित्रसेन गुप्त, उप निदेशक पूर्व क्षेत्र, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय और संस्थान के महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) संजय कडम्बार सहित रांची शहर स्थित लगभग 26 पीएसयू के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस अवसर पर मनोज कुमार ने कहा कि नराकास की परिकल्पना एक ऐसे संयुक्त मंच के रूप में की गई है, जहां आपसी विचार विमर्श से राजभाषा कार्यान्वयन को गति दी जा सके और इसकी प्रगति के मार्ग में आने वाली बाधाओं को पारस्परिक प्रयासों से दूर किया जा सके।इसी बुनियादी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सीएमपीडीआई द्वारा नराकास की विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। इन सभी गतिविधियों में सदस्य कार्यालयों की सहभागिता रहती है, जो निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है।नराकास की इन बैठकों में एक दूसरे से सुझाव लेकर प्रत्येक कार्यालय अपने स्तर पर इन पर अमल कर राजभाषा कार्यान्वयन को गति देते हैं। ऐसा ही एक सुझाव था कि नराकास वार्षिक पुरस्कार योजना के अंतर्गत विजेता कार्यालयों द्वारा राजभाषा के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उन्हें इस बैठक में सभी सदस्य कार्यालयों के समक्ष प्रस्तुत करना है।इस क्रम में नराकास वार्षिक पुरस्कार योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 के विजेताओं द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया गया।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नराकास की पिछली बैठक में मूल पत्राचार की प्रतिशतता कम से कम 85 प्रतिशत और टिप्पणियों की प्रतिशतता 70 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया था।अधिकांश कार्यालयों ने इस लक्ष्य को प्राप्त किया है, जो कार्यालय अभी इस लक्ष्य तक नहीं पहुंचे हैं, उम्मीद है कि नराकास की आगामी बैठक से पूर्व इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। कर्मवीर सिंह/23दिसंबर24