*राजनांदगांव* । छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती को लेकर राजनांदगांव में हुए फर्जीवाड़े में प्रथम दृष्टिया दोषी पाए गए 6 लोगों को जेल भेज दिया गया है। वहीं अब जांच का हवाला देते हुए मामले को दबाने की कोशिश की है रही है। जिस तरह से खबरों को परोसा जा रहा है उससे तो ऐसा लग रहा है कि इस पूरे मामले में बड़े अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 16 नवंबर से पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसमें लगभग 33 ऐसे लोगो को चिन्हित किया गया है। जिसने लेनदेन की बाते सामने आ रही है । वहीं लेनदेन में शामिल लगभग 14 से 17 लोग शामिल हैं। अब सवाल यह उठता है कि यह लोग कौन है? क्या यह लोग किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं या किसी बड़े नेताओं के रिश्तेदार हैं। क्योंकि पुलिस की जांच सिर्फ हैदराबाद कंपनी की तरफ ही जा रही है, जबकि मामला लेन देन और कर अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था। *भर्ती प्रक्रिया के मास्टरमाइंड को आखिर कौन बचा रहा* सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड दो लोगों को बताया जा रहा है, एक हवा का झोंका यानी *पवन* । दूसरा *कालज* की कोठारी है, जो पूरे भर्ती प्रक्रिया में कालिक पोत दी है। सूत्र यह बता रहे हैं कि यह लोग लगभग सभी इवेंट में कैमरे के सामने नजर आए हैं। विश्वस्त सूत्रों ने यह भी बताया है कि मृतक अनिल रत्नाकर की चैटिंग में सब कुछ उजागर हो गया है। फिर भी मास्टरमाइंड को बचाने में पूरा विभाग लग गया है। *अपनों को बचाने हैदराबाद की कंपनी को बताया जा रहा दोषी* मिली जानकारी के अनुसार जिस तरह से पुलिस विभाग द्वारा अपनों को बचाने हैदराबाद की कंपनी को दोषी बताया गया है। इससे यह लग रहा है कि इसमें पुलिस विभाग के कुछ बड़े अधिकारियों की भी सांठगांठ हो सकती है। जांच में dsp रैंक के अधिकारी भी रडार में नजर आ रहे हैं। कुछ को तो नोटिस भी जारी करने की तैयारी चल रही है । *नेताओं का भी नाम आ रहा सामने* सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में कोई भी पाक साफ नजर नहीं आ रहा है। सफेदपोश की भी संलिप्तता इस भर्ती में नजर आ रही। सूत्र बता रहे हैं कि बकायदा एफिडेविट बनाया गया है। अब यह देखना है कि जांच में इन सफेदपोश नेताओं के ऊपर से भी पर्दा उठाया जाएगा या पहले की तरह इन्हें फिर से अभयदान दे दिया जाएगा।