नई दिल्ली (ईएमएस)। डार्क चॉकलेट का सीमित सेवन टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है। यह पता चला है ताजा अध्ययन से। इस शोध के नतीजों ने दुनिया भर में डायबिटीज से जूझ रहे करोड़ों लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। शोध में पाया गया कि हफ्ते में पांच बार डार्क चॉकलेट के छोटे टुकड़े खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 21 फीसदी तक घट सकता है। डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनोइड्स की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस टाइप 2 डायबिटीज और कई अन्य बीमारियों का मुख्य कारण माना जाता है। शोधकर्ताओं ने स्टडी के दौरान यह भी देखा कि जिन लोगों ने हफ्ते में नियमित रूप से डार्क चॉकलेट का सेवन किया, उनमें डायबिटीज का जोखिम काफी कम था, जबकि दूध चॉकलेट खाने वालों में यह जोखिम बढ़ा हुआ पाया गया। इसका कारण यह है कि दूध चॉकलेट में चीनी और वसा की मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ाने के साथ-साथ डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाती है। डार्क चॉकलेट सिर्फ डायबिटीज ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और दिल से जुड़ी समस्याओं के लिए भी फायदेमंद है। यह तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके अलावा, यह रक्तचाप को नियंत्रित करती है और हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव करती है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की सूजन को भी कम करते हैं, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में करीब 830 मिलियन लोग डायबिटीज का शिकार हैं। यह स्टडी उनके लिए बड़ी राहत का संकेत है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि चॉकलेट का सेवन संतुलित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। चॉकलेट का चुनाव करते समय यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह कम से कम 70 फीसदी कोको से बनी हो। ज्यादा मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से अतिरिक्त कैलोरी का खतरा हो सकता है। डार्क चॉकलेट के इन फायदों ने इसे स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थों की सूची में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है। डार्क चॉकलेट न सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि सेहत के लिए भी कई फायदेमंद गुणों से भरपूर है। सुदामा/ईएमएस 22 दिसंबर 2024