वेटिकन (ईएमएस)। दुनिया का सबसे छोटा देश,वेटिकन सिटी वर्तमान में अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। वेटिकन कैथोलिक चर्च का वैश्विक मुख्यालय भी है। वेटिकन की आर्थिक बदहाली के पीछे कई कारण हैं, लेकिन 2013 में 266वें पोप बने पोप फ्रांसिस के प्रबंधन को इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 वेटिकन ने 87 मिलियन डॉलर का परिचालन घाटा दर्ज किया, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 5.3 मिलियन डॉलर अधिक था। यह वेटिकन के इतिहास में सबसे बड़े घाटों में से एक है। पोप फ्रांसिस ने खुद स्वीकार किया है कि वेटिकन परेशानी में है। उन्होंने कहा, “वर्तमान प्रणाली भविष्य की पीढ़ियों के लिए पेंशन दायित्वों को मध्यम अवधि में पूरा करने में असमर्थ है। हमें गंभीर और जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो समय पर समाधान न मिलने पर और खराब हो सकती हैं। वेटिकन सिटी की आय दान, रियल एस्टेट, पयर्टन और म्यूजिमों की फीस से होती है। दान में गिरावट आने से वेटिकन की अर्थव्यवस्था को बडा झटका लगा है। पोप फ्रांसिस की नीतियों पर सवाल दान में कमी के लिए पोप फ्रांसिस की प्रगतिशील नीतियों को भी दोषी माना जा रहा है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, प्रवास, ट्रांसजेंडर अधिकारों और पारिवारिक मूल्यों के पुनर्परिभाषा जैसे मुद्दों पर अपने आधुनिक विचार व्यक्त किए हैं। वेटिकन, बाकी दुनिया की तरह, वित्तीय संकट से अछूता नहीं है। 2012 के यूरोपीय मंदी और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान वेटिकन कर्ज में डूब गया। वेटिकन की आय का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन से आता है, लेकिन महामारी से पहले के स्तर पर पर्यटन अभी तक नहीं लौटा है। उम्मीद है कि 2025 के द ग्रेट जुबली समारोह से वेटिकन की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है। आशीष/ईएमएस 22 दिसंबर 2024