अंतर्राष्ट्रीय
22-Dec-2024
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-2030 तक नौ सेना बेड़े को 435 जंगी जहाजों को उतारे पर कर रहा काम वाशिंगटन,(ईएमएस)। चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति और उसकी वैश्विक समुद्री महत्वाकांक्षाओं को पेंटागन की ताजा रिपोर्ट ने उजागर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन 2030 तक अपने नौसैनिक बेड़े को 435 जंगी जहाजों को बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। अभी चीन के पास 370 जंगी जहाज हैं, लेकिन आने वाले पांच सालों में वह 65 नए जहाजों और सबमरीन को शामिल कर 400 का आंकड़ा पार कर लेगा। इसके अलावा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलए) का सबमरीन प्रोग्राम भी तेज़ी से चल रहा है। वर्तमान में चीन के पास 60 सबमरीन हैं, जिनमें बैलिस्टिक मिसाइल और न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन भी हैं। चीन का पूरा ध्यान ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर है, जहां वह अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए एयरक्राफ्ट कैरियर और वॉरशिप को बेड़े में शामिल कर रहा है। चीन ने श्रीलंका, पाकिस्तान, और बांग्लादेश जैसे देशों में अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत कर भारत को घेरने की कोशिश की है। चीन की इस चुनौती का सामना करने के लिए भारत ने भी अपनी नौसेना को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर भारत के तहत 2047 तक पूरी तरह स्वदेशी बनने की दिशा में काम कर रही है। भारत के पास फिलहाल 16 डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन और 2 बैलिस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन हैं। सरकार ने दो न्यूक्लियर अटैक सबमरीन के निर्माण को मंजूरी दी है। 2030 तक भारतीय नौसेना के पास 155-160 वॉरशिप होंगे। चीन अपनी संख्या और तेजी से बढ़ते बेड़े पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वहीं भारत तकनीकी श्रेष्ठता, हिंद महासागर में प्रभुत्व, और रणनीतिक साझेदारियों के जरिए अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। 2030 तक, चीन और भारत के बीच यह नौसैनिक प्रतिस्पर्धा न केवल एशिया बल्कि वैश्विक सुरक्षा और समुद्री व्यापार के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रभुत्व और सहयोग आधारित रणनीति उसे इस दौड़ में पीछे नहीं रहने देगी। सिराज/ईएमएस 22 दिसंबर 2024