-इस संयंत्र से करीब 400 मेगावाट बिजली उत्पादन होने की संभावना वाशिंगटन,(ईएमएस)। सौर और परमाणु ऊर्जा के बाद अब नई तकनीक से बिजली उत्पादन की दिशा में दुनिया एक कदम आगे बढ़ रही है। अमेरिका ने पहला ग्रिड-स्केल न्यूक्लियर फ्यूजन बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है, जो हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा से बिजली पैदा करेगा। अगर यह योजना सफल रही, तो भविष्य में बिजली की कमी का संकट खत्म हो सकता है। इस संयंत्र का खास पहलू यह है कि यह हाइड्रोजन आधारित क्लीन एनर्जी पर आधारित होगा, जो सूरज की ऊर्जा पैदा करने की तकनीक से प्रेरित है। इस संयंत्र के निर्माण का लक्ष्य है कि 2030 तक इसे कार्यशील किया जा सके। इस संयंत्र से करीब 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने की संभावना है, जो करीब 1.5 लाख घरों को बिजली उपलब्ध कराएगा। इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली स्टार्टअप कंपनी, कॉमनवेल्थ फ्यूजन सिस्टम्स (सीएफएस) इस प्रक्रिया के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर रही है। न्यूक्लियर फ्यूजन वह प्रक्रिया है जिसमें परमाणु एक-दूसरे से जुड़कर ऊर्जा पैदा करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे सूरज में होता है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन अणु एक साथ मिलकर ऊर्जा का विस्फोटक स्रोत पैदा करते हैं, जिससे ऊर्जा का निरंतर प्रवाह होता है। यह एक क्लीन एनर्जी है क्योंकि इसमें कोई हानिकारक कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। अब तक यह तकनीक व्यावहारिक रूप से लागू नहीं हो पाई है, लेकिन यदि यह सफल होती है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी से उत्पादन होने वाली बिजली को हर मौसम में, निरंतर और बिना किसी प्रदूषण के पैदा किया जा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि यह ऊर्जा का एक स्थायी स्रोत बन जाएगा, जो हमेशा उपलब्ध रहेगा। दुनिया भर में इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है, खासकर क्लीन एनर्जी को अपनाने के लिए। इस नई तकनीक के जरिए ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया को और ज्यादा पर्यावरण फैंडली और प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में न्यूक्लियर फ्यूजन ऊर्जा भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकती है। सिराज/ईएमएस 20 दिसंबर 2024