अम्मान (ईएमएस)। सीरिया में असद की सत्ता जाने के बाद अरब के कई देशों में अस्थिरता महसूस हो रही है। इस सूची में जॉर्डन भी शामिल है। जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय देश को बुरे हालातों से बचाने में जुटे हुए हैं। इस मौके पर उनकी रानी रानिया अल-अब्दुल्ला (शादी से पहले रानिया अल-यासीन) के बारे में जानते हैं, जो एक शरणार्थी के तौर पर जॉर्डन में आईं थीं। जॉर्डन की रानी रानिया की लव लाइफ हो, शादी हो या उससे पहले और बाद का जीवन बेहद रोचक रहा है। फिलिस्तीनी मूल की रानिया का जन्म 31 अगस्त 1970 को कुवैत में हुआ था। लेकिन 1991 में रानिया के परिवार को हजारों अन्य फिलिस्तीनियों की तरह कुवैत से भागकर जॉर्डन के अम्मान शहर मे बसना पड़ा। कुवैत के न्यू इंग्लिश स्कूल में पढ़ने के बाद उन्होंने काहिरा में अमेरिकी यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली और सिटी बैंक में काम किया। बाद में जॉर्डन में उन्होंने नौकरी की। तभी जनवरी 1993 में डिनर पार्टी में उनकी मुलाकात प्रिंस अब्दुल्ला बिन अल-हुसैन से हुई। इसके बाद 22 साल की उम्र में 10 जून 1993 को वे अब्दुल्ला के साथ भव्य समारोह में शादी के बंधन में बंध गईं। इसके बाद 1999 में अब्दुल्ला राजगद्दी पर बैठे और रानिया को घोषित किया गया। इस शाही कपल के 4 बच्चे-2 बेटे और 2 बेटियां हैं। शादी के बाद रानिया ने लगभग पूरी दुनिया घूमी और काफी सक्रिय रहीं। रानी रानिया इस्लाम धर्म से संबंध रखती हैं और अपने विचार भी व्यक्त करती रहती हैं। वे खासी मॉर्डन भी हैं। बच्चों के लिए तीन किताबें लिख चुकी हैं। साथ ही जॉर्डन में घरेलू गतिविधियों में शिक्षा पहल और युवा कार्यक्रमों में सक्रिय रहती हैं। आशीष/ईएमएस 19 दिसंबर 2024