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18-Dec-2024
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भारत की चिंताएं बढ़ी, ड्रैगन अपनी हरकतों से नहीं आ रहा बाज नई दिल्ली,(ईएमएस)। चीन के साथ गलवान घाटी में विवाद सुलझने के बाद सब-कुछ पहले जैसा नॉर्मल हो गया है तो सोचना गलत हैं। ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। चीन भूटान की सरजमीं पर इतना कुछ कर रहा है लेकिन भूटान ने इसपर चुप है। भूटान भले ही भारत को अपना मित्र मानता हो लेकिन वह चीन से उससे कहीं ज्‍यादा खौफ खाता है। भूटान के इसी डर ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी है। भूटान पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में चीन द्वारा लगातार बस्तियां बसाए जाने की बात से इनकार करता रहा है। पिछले कुछ सालों में भूटानी अधिकारियों ने भूटान के क्षेत्र में चीनी बस्तियों की उपस्थिति से इनकार किया है। उधर, दूसरी ओर सेटेलाइट इमेज से कुछ तस्‍वीर सामने आई हैं। शी जिंगपिन सेना भारत-चीन-भूटान के ट्राई जंक्शन पर जो कुछ कर रही है, उसने सभी को हैरान कर दिया है। सेटेलाइट इमेज से यह पता चला है कि डोकलाम के नजदीक वाले क्षेत्र में चीन ने आठ नए गांव बसा लिए हैं। डोकलाम वही क्षेत्र है जहां साल 2017 में भारत और चीन के बीच विवाद हुआ था, जिसके चलते दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच करीब 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था। तब जैसे-तैसे यह मामला सुलझा था लेकिन इसके बाद से ही चीन इस क्षेत्र में अपने दावे को मजबूत करने के लिए इस तरह से गांव को बसा रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन ने पिछले आठ सालों में पारंपरिक रूप से भूटान का हिस्सा रहे इस क्षेत्र में कम से कम 22 गांव को बसा दिया है। भूटान के पूर्व पीएम लोटे शेरिंग ने 2023 में बेल्जियम के एक समाचार पत्र से यह कहकर हलचल मचा दी थी कि चीनी की भूटान की टेरिटरी में कोई मौजूदगी नहीं है। उधर, एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2016 से अब तक चीन भूटान में 22 गांव और बस्तियां बसा चुका है। इनमें अनुमानित 2,284 आवासीय यूनिट हैं। उसने यहां करीब 7 हजार लोगों को भूटान के खाली पड़े क्षेत्र में बसा दिया है। चीन ने भूटान के करीब 825 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्‍जा कर लिया है। यह उसके कुल क्षेत्र का करीब 2 फीसदी है। चीन ने इन गांवों में अधिकारियों, लेबर और सैनिकों को भेजा है। यह सभी गांव सड़क के जरिए चीनी शहरों से जुड़ गए हैं। सिराज/ईएमएस 18दिसंबर24 --------------------------------