भोपाल(ईएमएस)। मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल सामाप्ति की घोषणा के साथ ही डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर हंगामा शुरु हो गया। बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल समाप्ति की घोषण अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने की ही थी, कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीते रोज राज्यसभा में चर्चा के दौरान आई एक टिप्पणी का मामला उठा दिया। सिंघार ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा पर आंबेडकर का अपमान करने का अरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए तत्काल माफी मांगना चाहिए। इतना सुनते ही कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने सिंघार का समर्थन करते हुए मेजे थपथपाना शुरु कर दिया। और शेम शेम के नारे लगने लगे। सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपने सीट से खड़े हो गए और नेता प्रतिपक्ष के बात का विरोध करते हुए कहने लगे कि ये सदन का समय खराब कर रहे हैं। सबसे पहले मंत्री विश्वास सारंग ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह की बातों से सदन का समय बर्बाद किया जा रहा है। दोनों तरफ से हुए शोर शराबे में कोन क्या बोल रहा है स्पष्ट सुनाई भी नहीं दिया, लेकिन माफी मांगों... मांफी मांगो... के लगातार नारे लगते रहे। इस बीच अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सभी सदस्यों को शांत करने और अपने स्थान पर बैठने का कहते रहे। दरअसल,राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रश्नकाल में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा और विधायक बाला बच्चन के बीच जवाब सवाल चल रहे थे। तभी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रश्नकाल समाप्त की घोषणा कर दी। इतना सुनते ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अपनी सीट से खड़े हुए और शाह की टिप्पणी और भाजपा से माफी की मांग करते हुए बोले अध्यक्ष जी इस सदन में डॉक्टर आंबेडकर की तस्वीर लगी है और इनके नेता उनका अपमान कर रहे हैं। इन्हे तत्काल इस सदन में माफी मांगना चाहिए। मंत्री विश्वास सारंग ने सत्ता पक्ष की तरफ से मोर्चा संभाला और इसका विरोध करते हुए अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से इस मामले को विलुप्त कराने की मांग करने लगे। दोनों तरफ से हंगामा और शोरगुल चलता रहा। कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित इसका सत्ता पक्ष ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में शोर शराबा होने लगा। स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने काफी देर तक समझाने की कोशिश की। नारेबाजी नहीं रुकी तो विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। 10 मिनट के अंतराल के बाद जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है, उसके बारे में किसी तरह का आरोप लगाना ठीक नहीं है। भविष्य में इस तरह की स्थिति नहीं बने, यह सभी को ध्यान रखना चाहिए।उन्होंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह को लेकर की गई टिप्पणी और उसके बाद जो स्थिति बनी, उसे सदन की कार्यवाही से विलोपित करने का निर्देश भी दिया। बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चल रही बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों पर कांग्रेस ने सख़्त एतराज़ जताया था। अमित शाह अपने भाषण के दौरान डॉ बीआर आंबेडकर की विरासत पर बोलते हुए कहा था कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन बन गया है। उन्होंने कहा, अब ये एक फ़ैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। वीरेंद्र/ईएमएस/18 दिसंबर 2024 ---------------------------------------