भोपाल,(ईएमएस)। मध्य प्रदेश में नौनिहालों की समुचित देखरेख को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। राज्य की 34143 आंगनवाड़ियां भवन विहीन हैं और 4044 जर्जर हालत में हैं। ऐसे में नौनिहालों के पोषण और उनकी देखरेख को लेकर सवाल उठ रहे हैं। राज्य विधानसभा में ऐसे कई आंकड़े सामने आए हैं जो चौंका सकते हैं। मंगलवार को विधायक कंचन मुकेश तनवे ने प्रश्नकाल के दौरान राज्य की आंगनवाड़ियों की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए आंगनवाड़ियों की स्थिति जानना चाही थी। इस पर महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में 34 हजार 143 आंगनवाड़ी भवनविहीन, 4 हजार 44 आंगनवाड़ी जर्जर है। जर्जर भवन वाली आंगनवाड़ियां अन्य भवनों में संचालित हो रही है। उन्होंने बताया कि अकेले खंडवा विधानसभा क्षेत्र में ही 37 आंगनवाड़ियों में बाउंड्रीवाल नहीं है। प्रदेश की कई आंगनवाड़ियां स्कूल भवनों, सामुदायिक भवनों, पंचायत भवनों, किराए एवं अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रही हैं। मंत्री ने कहा कि चूंकि स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन भवन निर्माण के नक्शे में बाउंड्रीवॉल का प्रावधान नहीं होने के कारण आंगनवाड़ी बॉउड्रीवॉल विहीन है। वहीं खरगापुर विधायक चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने आंगनवाड़ियों में पोषण अहार वितरण एवं उसकी गुणवत्ता को लेकर प्रश्न पूछे। उन्होंने पूछा कि एक ही सांझा चूल्हा के तहत एक ही समूह को भोजन और नाश्ते का काम क्यों दिया जा रहा है। इस पर मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि यह काम पात्रता अनुसार दिया जाता है। इस जवाब से विधायक असंतुष्ट हुई। बोलीं- आंगनवाड़ियों में भोजन का काम बीजेपी लोगों को दिया जा रहा है। पात्र होने पर भी कांग्रेस के लोगों को काम नहीं दिया जा रहा है। घेरते घेरते खुद घिर गए विधायक लोधी सियासी अखाड़े में कई बार विरोधी को घेरते घेरते खुद भी घिर जाते है। कुछ इसी तरह की स्थिति राज्य विधानसभा में मंगलवार को देखने को मिली। जहां भाजपा विधायक प्रीतम लोधी ने प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में पिछोर विधानसभा क्षेत्र में कई भर्तियों में फर्जीवाड़ा किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग में किसी नाम से भर्ती हुई और किसी नाम से नौकरी की जा रही है। इसकी जांच होना चाहिए। विधायक ने उदाहरण देते हुए सदन को बताया कि मेवाबाई सही नाम है और कमलेश नाम से महिला नौकरी कर रही है। इस पर मंत्री निर्मला भूरिया ने अपने जवाब में जैसे ही कहा कि नहीं माननीय विधायक महोदय ऐसा नहीं है। इतना सुनते ही कांग्रेस गदगद हो गई और कांग्रेस विधायकों ने मेज थपथपाकर मंत्री के जवाब का स्वागत किया। उन्होंने सदन को बताया कि मेवाबाई घर का नाम है और कमलेश नाम कागजों में दर्ज है। वीरेंद्र/ईएमएस/17 दिसंबर 2024 ---------------------------------------