ज़रा हटके
17-Dec-2024
...


-शरीर के इन हिस्सों में फैट जमना खतरनाक लंदन (ईएमएस)। लंदन में किंग्स कॉलेज के न्यूट्रिशन साइंस की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सारा बेरी ने इंटरव्यू दिया। इंटरव्यू में डॉ. सारा ने बताया, शरीर में जमने वाले कुछ तरह के फैट गंभीर स्थितियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। विसरल फैट जमने से शरीर में हानिकारक कैमिकल का उत्पादन बढ़ जाता है जिससे सूजन, टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं। कई लोग अपने शरीर के हिस्सों में जमे फैट से परेशान रहते हैं। महिलाओं के शरीर में जमा हुआ फैट उनकी सेहत का राज बताता है। शरीर के कौन से हिस्से में जमा फैट फायदेमंद होता है और कौन से हिस्से में जमा फैट खतरनाक होता है, यह भी जान लीजिए। रिपोर्ट के मुताबिक, हिप्स पर फैट जमना अच्छा माना जाता है। एक्सपर्ट का मानना है कि हिप्स एरिया में फैट जमना शरीर के लिए फायदेमंद होता है लेकिन फैट इतना अधिक नहीं बढ़ना चाहिए कि वह मसल्स को दबाने लगे। फ्लोरिडा हॉस्पिटल सैनफोर्ड-बर्नहैम ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर मेटाबॉलिज्म और डायबिटीज के एक्सपर्ट ने हिप्स फैट की जांच की। मुख्य रिसर्चर्स डॉ स्टीवन स्मिथ के मुताबिक, हिप्स में फैट जमा होने से हार्ट डिसीज और डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। जिन महिलाओं को हार्ट अटैक आता है उनमें जांघ की तुलना में टमी एरिया में फैट अधिक होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, महिलाओं में ब्रेस्ट का साइज बड़ा होने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। 2008 में की गई रिसर्च के मुताबिक, बड़े ब्रेस्ट वाली 20 साल की लड़कियों में अगले 10 सालों में डायबिटीज का खतरा बढ़ गया था। 2012 में वैज्ञानिकों ने पाया था कि बड़े ब्रेस्ट से कोई जोखिम नहीं था लेकिन उससे विसरल फैट जमने का जोखिम बढ़ जाता है।वैज्ञानिकों का मानना है कि बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं में उम्र, गर्भावस्था, ब्रेस्ट फीडिंग और जेनेटिक हिस्ट्री के बिना भी स्तन कैंसर विकसित होने की अधिक संभावना हो सकती है। बीएमवी मेडिकल जेनेटिक्स में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, ब्रेस्ट बढ़ने का कारण जेनेटिक्स थे। विसरल फैट सबसे खतरनाक फैट माना जाता है जो हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। यह डिप्रेशन, डिमेंशिया और डायबिटीज जैसी बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। विसरल फैट मुख्यत: पेट और लोअर बैक के आसपास के एरिया में अधिक जमता है। इस फैट के कारण पेट का आकार काफी बढ़ जाता है। जिन महिलाओं की कमर का साइज हिप्स से बड़ा होता है, उनमें दिल का दौरा पड़ने का अधिक खतरा होता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि कमर का बड़ा साइज और हिप्स से बड़े कमर के साइज वाली महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने का खतरा 10-20 प्रतिशत अधिक होता है।कमर का साइज कम करने के लिए कार्ब्स की मात्रा कम करने और प्रोटीन वाले फूड की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है। स्विमिंग, साइकिलिंग, वेट ट्रेनिंग और रनिंग आदि वर्कआउट से कमर का साइज कम कर सकते हैं और हार्ट को हेल्दी रख सकते हैं। अधिकतर लोग अपनी गर्दन के फैट के बारे में नहीं सोचते। रिसर्चर्स ने पाया कि गर्दन के बड़ा साइज शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को दिखाता है। एक्सपटर्स की माने तो शरीर में फैट तब जमा होता है जब कोई जरूरत से अधिक कैलोरी लेता है। अगर कोई अधिक कैलोरी लेता है तो उसे फिजिकल एक्टिविटी करके उन कैलोरी को बर्न करना होता है, जिससे वजन मेंटेन रहता है। वहीं अगर कोई कैलोरी बर्न नहीं करता तो वह एक्स्ट्रा कैलोरी शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है। सुदामा/ईएमएस 17 दिसंबर 2024