नई दिल्ली (ईएमएस)। शरीर में कफ हमारे श्वसन तंत्र का एक प्राकृतिक हिस्सा है, जो बैक्टीरिया, वायरस, धूल और अन्य हानिकारक कणों को पकड़ने और उन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर को स्वच्छ और सुरक्षित रखना है। हालांकि, सही तरीके से कफ को बाहर निकालना और उसकी देखभाल करना महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब कफ गाढ़ा हो और उसे बाहर निकालने की आवश्यकता महसूस हो, तो थूकना सबसे प्रभावी तरीका होता है। कफ में बैक्टीरिया, वायरस और अन्य अशुद्धियां हो सकती हैं, जिन्हें बाहर निकालने से श्वसन तंत्र साफ रहता है। इसे थूकते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इसे स्वच्छ स्थान पर किया जाए, जैसे टिशू पेपर में या कफ डिस्पोजल डस्टबिन में, ताकि दूसरों के स्वास्थ्य पर प्रभाव न पड़े। हालांकि, अगर आप ऐसी स्थिति में हैं जहां थूकना उचित नहीं है, तो इसे निगलने से कोई गंभीर समस्या नहीं होती। जब कफ निगल लिया जाता है, तो यह पाचन तंत्र में चला जाता है, जहां पेट के एसिड इसे निष्क्रिय कर देता है। लेकिन अगर यह आदत बन जाए तो गले में जलन या पेट में भारीपन महसूस हो सकता है। इसके अलावा, कफ को बाहर निकालने में मदद के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं जैसे अधिक पानी पीना, भाप लेना, और अदरक, शहद और तुलसी का सेवन करना। इनसे कफ पतला होकर बाहर निकलने में मदद मिलती है। मसालेदार और ऑयली खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए क्योंकि ये कफ को बढ़ा सकते हैं। यदि कफ लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कफ को बाहर निकालने का अवसर है, तो इसे तुरंत बाहर निकालना चाहिए क्योंकि इससे श्वसन तंत्र से बैक्टीरिया और वायरस बाहर निकल जाते हैं। यदि थूकने का विकल्प नहीं हो, तो कफ को निगलने में कोई बड़ी समस्या नहीं है क्योंकि पाचन तंत्र इसे नियंत्रित कर लेता है। सुदामा/ईएमएस 11 दिसंबर 2024