बीजिंग (ईएमएस)। चीन ने 2030 तक 1,00,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कारों, फ्लाइंग टैक्सी और ड्रोन को लॉन्च करने का ऐलान किया है। चीन ने भविष्य में फ्लाइंग कारों के बाजार में ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। चीन ‘लो-एल्टीट्यूड इकोनॉमी’ में मार्केट लीडर बनने के लिए योजना बना रहा है। यह कदम चीन, जापान, कोरिया और अमेरिका जैसे देशों द्वारा यातायात और परिवहन को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। चीन के इस कदम के तहत, फ्लाइंग कारें और ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम होंगे, जिससे सड़क पर वाहनों के ट्रैफिक से अलग एक नई हवा में यात्रा का अनुभव होगा। ऐसे वाहनों का उपयोग न केवल लोगों की एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करने में होगा, बल्कि ये सामान की डिलीवरी, इमरजेंसी सेवाओं, कार्गो और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भी सहायक हो सकते हैं। चीन द्वारा बनाई जा रही फ्लाइंग कारों और टैक्सी के लिए वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग की क्षमता विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इन्हें अधिक लचीला और उपयोगी बनाती है। बैटरी से चलने वाले इन फ्लाइंग वाहनों से प्रदूषण का खतरा भी कम होगा, क्योंकि ये सड़क वाहनों की तुलना में प्रदूषण पैदा नहीं करेंगे। हालांकि, इन वाहनों के लिए सबसे बड़ी चुनौती उनका अलग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। उड़ने वाली कारों के लिए विशेष ट्रेनिंग और ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होगी, साथ ही इन्हें ऑपरेट करने के लिए विमान सेवाओं जैसी व्यवस्थाओं की जरूरत पड़ेगी। जापान और कुछ खाड़ी देशों में फ्लाइंग कारों का ट्रायल चल रहा है, और चीन का उद्देश्य इन वाहनों को न केवल अपने घरेलू बाजार में, बल्कि साउथ कोरिया, मिडिल ईस्ट, अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों में भी एक्सपोर्ट करना है। सुदामा/ईएमएस 11 दिसंबर 2024