ज़रा हटके
10-Dec-2024
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नई दिल्ली (ईएमएस)। बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव गर्भवती महिलाओं और उनके शिशु के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। हाल ही में एक स्टडी ने दावा किया कि खाना पकाने और गर्म करने के लिए कोयला या लकड़ी जैसे ठोस ईंधन का उपयोग जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। चीन की जुनी मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए इस अध्ययन में 4,338 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 27 वर्ष थी। इनमें से 302 महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज पाया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था में भ्रूण के विकास पर प्रदूषण, तनाव, पोषण की कमी, अनियंत्रित मधुमेह, धूम्रपान और उच्च रक्तचाप जैसे कारकों का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अनियंत्रित मधुमेह से बच्चा असामान्य रूप से बड़ा हो सकता है या जन्म के बाद स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं। वहीं, यदि मां पर्याप्त और संतुलित आहार नहीं लेती है, तो भ्रूण को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे उसकी ग्रोथ रुक सकती है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और शराब का सेवन शिशु के विकास को धीमा कर सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि तनाव का उच्च स्तर गर्भ में शिशु के रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है, जिससे विकास प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसके अतिरिक्त, संक्रमण या उच्च रक्तचाप भी शिशु के सामान्य विकास में रुकावट पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भ्रूण का विकास एक जटिल और संवेदनशील प्रक्रिया है। विशेष रूप से पहली तिमाही में, यदि मां का मधुमेह अनियंत्रित हो, तो इससे गर्भपात या हृदय दोष और तंत्रिका ट्यूब दोष जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। उच्च रक्तचाप प्लेसेंटा में रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है, जिससे भ्रूण तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंचते। गर्भावस्था में मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए सही खान-पान, प्रदूषण से बचाव, तनाव नियंत्रण और डॉक्टर की नियमित निगरानी जरूरी है। यह न केवल जटिलताओं को कम करता है, बल्कि स्वस्थ शिशु के जन्म में भी मदद करता है। बता दें कि मां बनना हर महिला के जीवन का खास सपना होता है, लेकिन गर्भावस्था का नौ महीनों का समय कई चुनौतियों से भरा रहता है। इस दौरान खान-पान, जीवनशैली और पर्यावरणीय प्रभाव गर्भस्थ शिशु के विकास को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। सुदामा/ईएमएस 10 दिसंबर 2024