ज़रा हटके
10-Dec-2024
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कैलिफोर्निया (ईएमएस)। उच्च फाइबर युक्त पौधे आधारित आहार मल्टीपल मायलोमा जैसी गंभीर और असाध्य रक्त कैंसर की प्रगति को धीमा कर सकता है। ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि यह बीमारी बोन मैरो को प्रभावित करती है और आमतौर पर इसका इलाज मुश्किल होता है। मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर (एमएसके) द्वारा किए गए इस क्लिनिकल परीक्षण के नतीजे 2024 अमेरिकन सोसायटी ऑफ हेमेटोलॉजी (एएसएच) की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किए गए। एमएसके की मायलोमा विशेषज्ञ डॉ. उर्वी शाह ने कहा कि यह अध्ययन पोषण की ताकत को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि कैसे उच्च फाइबर युक्त पौधे आधारित आहार माइक्रोबायोम और मेटाबोलिज्म में सुधार करके एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण करता है। डॉ. शाह ने यह भी कहा कि आहार परिवर्तन के जरिए कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है और यह विशेष रूप से उन रोगियों के लिए फायदेमंद है जो कैंसर की शुरुआती अवस्था में हैं। अध्ययन में 20 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिनमें से सभी प्रीकैंसरस रक्त विकार से पीड़ित थे और जिनके मल्टीपल मायलोमा विकसित होने की संभावना थी। इन प्रतिभागियों को 12 सप्ताह तक उच्च फाइबर वाले पौधे आधारित आहार और 24 सप्ताह तक पोषण संबंधी मार्गदर्शन दिया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन दो प्रतिभागियों में बीमारी की प्रगति हो रही थी, उनमें उल्लेखनीय सुधार देखा गया। इसके अलावा, नामांकन के एक वर्ष बाद, किसी भी प्रतिभागी में मल्टीपल मायलोमा विकसित नहीं हुआ। शोध के दौरान प्रतिभागियों को फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मेवे, बीज और फलियां जैसे पौधे आधारित खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने औसतन अपने शरीर के वजन का आठ प्रतिशत घटाया और इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया। डॉ. शाह ने कहा कि यह शोध साबित करता है कि सही पोषण और आहार परिवर्तन के जरिए मरीजों को न केवल सशक्त किया जा सकता है, बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है। इससे कैंसर के इलाज में नई संभावनाओं के द्वार खुल सकते हैं। शोधकर्ताओं ने चूहों पर भी परीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि उच्च फाइबर आहार खाने वाले 44 प्रतिशत चूहों में मायलोमा की प्रगति नहीं हुई, जबकि मानक आहार खाने वाले सभी चूहों में यह बीमारी बढ़ी। यह शोध न केवल मल्टीपल मायलोमा बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में पोषण के महत्व को रेखांकित करता है। सुदामा/ईएमएस 10 दिसंबर 2024