ज़रा हटके
08-Dec-2024
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लंदन (ईएमएस)। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि दुनिया के कुछ देश जैसे आयरलैंड, न्यूजीलैंड, आइसलैंड, ग्रीनलैंड और विशाल महाद्वीप अंटार्कटिका में सांप नहीं पाए जाते हैं। इन स्थानों पर सांपों की अनुपस्थिति ने वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टिकोण से गहरी दिलचस्पी पैदा की है। आयरलैंड, न्यूजीलैंड, आइसलैंड, ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका सांपों के बिना भी अपने अद्वितीय पारिस्थितिक तंत्र के लिए प्रसिद्ध हैं। आयरलैंड में सांप न होने की एक पुरानी किंवदंती है। कहा जाता है कि वहां के संत पैट्रिक ने सांपों को आयरलैंड से निकालकर समुद्र में फेंक दिया था। आयरिश लोककथाओं में इसे सांपों के खात्मे का कारण बताया जाता है। लेकिन वैज्ञानिक इस बात को पूरी तरह खारिज करते हैं। नेशनल म्यूजियम ऑफ आयरलैंड के शोध के अनुसार, आयरलैंड में कभी सांप थे ही नहीं। इसका कारण आइस एज में छिपा है। जब दुनिया का अधिकांश हिस्सा बर्फ से ढका था, तब आयरलैंड में भी ऐसा ही मौसम था। इस ठंडे और कठोर वातावरण में रेप्टाइल्स जीवित नहीं रह सकते थे। जब 10,000 साल पहले बर्फ पिघली, तो भी आयरलैंड का तापमान सांपों के लिए उपयुक्त नहीं था। न्यूजीलैंड भी उन देशों में शामिल है जहां सांप नहीं पाए जाते। यह द्वीपों से बना देश है, जिसमें जंगली जीव-जंतुओं की भरमार है, लेकिन सांप यहां नहीं मिलते। न्यूजीलैंड के आसपास समुद्र में समुद्री सांप देखे जा सकते हैं, लेकिन वे कभी जमीन पर नहीं आते। न्यूजीलैंड की सरकार ने सांपों पर प्रतिबंध लगा रखा है। यहां तक कि अगर किसी जहाज के जरिए सांप पहुंचते भी हैं, तो उन्हें तुरंत हटा दिया जाता है। न्यूजीलैंड की एंटी-स्नेक पॉलिसी इस देश की जैव विविधता को संरक्षित रखने में मदद करती है। आइसलैंड और ग्रीनलैंड भी सांपों से मुक्त देश हैं। इन दोनों स्थानों की ठंडी जलवायु और अलग-थलग भौगोलिक स्थिति सांपों के जीवन के लिए प्रतिकूल हैं। यहां सांपों की कोई प्रजाति नहीं पाई जाती। रेप्टाइल्स के नाम पर केवल छिपकलियां यहां जीवित रह सकी हैं। अंटार्कटिका, जो बर्फीला महाद्वीप है, सांपों के लिए पूरी तरह से अनुकूल नहीं है। यह महाद्वीप दुनिया के सबसे ठंडे और कठोर वातावरण में से एक है। यहां बर्फ और ठंडे तापमान के कारण कोल्ड-ब्लडेड सांपों का जीवित रहना नामुमकिन है। इन क्षेत्रों में सांप न होना जैव विविधता और पारिस्थितिकी को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। सुदामा/ईएमएस 08 दिसंबर 2024