वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिकी मैरीन सैनिकों के लिए अब सांप का खून पीने की ट्रेनिंग बंद करने का निर्णय लिया गया है। जंगल में जिंदा रहने के इस अभ्यास में सैनिकों को कीड़े, सांप, छिपकली और बिच्छू जैसे जीवों को पहचानने और खाने की ट्रेनिंग दी जाती है। पानी की अनुपलब्धता में उन्हें कोबरा जैसे जहरीले सांपों का खून पीने के लिए भी तैयार किया जाता है। यह अभ्यास सिखाता है कि अगर सैनिक अपनी इकाई से अलग हो जाएं या दुर्गम स्थानों पर फंस जाएं, तो कैसे जीवित रह सकते हैं। कोबरा गोल्ड अभ्यास का सबसे चर्चित हिस्सा है सैनिकों द्वारा सांप का खून पीना। यह न केवल खतरनाक है बल्कि बेहद चुनौतीपूर्ण भी। सैनिकों ने बताया कि सांप का खून मीठा स्वाद देता है, लेकिन इसे पीने का अनुभव मानसिक और शारीरिक रूप से बेचैन करने वाला हो सकता है। हालांकि, यह खतरनाक प्रथा अब बंद कर दी गई है। पेटा और अन्य पशु अधिकार संगठनों के अभियान के कारण यह फैसला लिया गया। इन संगठनों ने जंगल में इस तरह के अभ्यास को अमानवीय और अप्राकृतिक बताया। अब इस ट्रेनिंग में अधिक सुरक्षित और पर्यावरण-संवेदनशील विकल्प शामिल किए गए हैं। कोबरा गोल्ड जैसे सैन्य अभ्यास सैनिकों को कठिन परिस्थितियों में मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए किए जाते हैं। हालांकि, इस ट्रेनिंग में आने वाली चुनौतियां आम लोगों के लिए चौंकाने वाली हो सकती हैं, लेकिन युद्ध और संकट के समय में ये कौशल बेहद उपयोगी साबित होते हैं। यह अभ्यास आज भी अपने अद्वितीय और साहसिक स्वरूप के लिए चर्चा का विषय बना रहता है, और यह दिखाता है कि सैन्य बलों को किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए कैसे तैयार किया जाता है। कोबरा गोल्ड प्रशिक्षण के दौरान खाए जाने वाले जानवरों और सरीसृपों में बिच्छू, टारेंटुला, छिपकली, चिकन आदि शामिल रहती है। सैनिकों को बिच्छू खाते हुए देखा गया है, जिन्हें खाने से पहले अक्सर उनके डंक निकालकर तैयार किया जाता है। गेको छोटा सा सरीसृप होता है।इसे भी खाया जाता है, ये ट्रेनिंग के दौरान आहार का हिस्सा है। प्रशिक्षण में विभिन्न प्रकार की छिपकलियां शामिल की जाती हैं, जो प्रोटीन के अतिरिक्त स्रोत प्रदान करती हैं। कुछ मामलों में, जीवित रहने के अभ्यास के रूप में मुर्गियों को मारकर खाया जा सकता है। प्रशिक्षण में यह सीखना शामिल है कि खाने से पहले टारेंटुला के दाँत कैसे काटे जाएँ, जो जंगल में जीवित रहने की तकनीकों में सबसे जरूरी है। बता दें कि मैरीन सैनिक के लिए ट्रेनिंग में थाईलैंड में हर साल होने वाला कोबरा गोल्ड सैन्य अभ्यास एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अभ्यास 1982 में शुरू हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका और थाईलैंड के सैन्य संबंधों को मजबूत करना है। इसमें सिंगापुर, मलेशिया और अन्य देशों के सैनिक भी भाग लेते हैं। इस अभ्यास का सबसे कठिन और खौफनाक हिस्सा जंगल में जीवित रहने की ट्रेनिंग है। सुदामा/ईएमएस 06 दिसंबर 2024