राज्य
05-Dec-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। दक्षिणी दिल्ली के नेब सराय इलाके में बुधवार तड़के एक ही परिवार के तीन लोगों की चाकू से गोदकर हत्या की खबर सुनकर राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले लोग सन्न रह गए। मां-बाप और बेटी की हत्या के चलते पूरी दिल्ली में हड़कंप मच गया, लेकिन पुलिस द्वारा ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा करने के बाद भी लोग खुद को यह भरोसा नहीं दिला पा रहे थे कि एक बेटा कैसे अपने मां, बाप और बहन की हत्या का कातिल हो सकता है, लेकिन सच यही है। सिलसिलेवार तरीके से इसका खुलासा किया। ज्वाइंट सीपी का कहना है कि कोई भी इस घटना पर ऐतबार नहीं कर सकता। एक नासमझ बेटे, किसी शख्स की नहीं बल्कि अपने खाते-पीते अच्छे परिवार की हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि घटना की सूचना पर तत्काल पुलिस अफसर और थाना पुलिस मौक पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। जांच में यह पाया गया कि घर में जबरन कोई नहीं घुसा है, ना ही घर का सामान गायब मिला। इसके बाद हमें बेटे पर शक हुआ तो बेटे की गतिविधि के बारे में पूछताछ की गई। बेटे (अर्जुन तंवर) ने बताया कि वो घर पर नहीं था जब वारदात हुई। बेटे अर्जुन ने अपने बयान में बताया कि वो सुबह 5:30 से 6:30 के बीच घर पर नहीं था, जिस समय यह वारदात हुई। लिहाजा, पुलिस द्वारा इस समय के सभी सीसीटीवी खंगाले गए जिसमें यह पाया गया कि इस समय कोई संदिग्ध घर के पास नहीं गया। ज्वाइंट सीपी एसके जैन का कहना है कि शक होने के पीछे कई कारण थे। पहला अर्जुन बयान बदलता रहा। उसके हाथ में ताजा चोट थी। उसने कहा था कि वो जिम गया था, लेकिन जिम नहीं गया था। जिम के रूट को रास्ते में लगे सीसीटीवी के जरिए मॉनिटर किया गया तो पुलिस को उसके बारे में इनपुट मिला। ये परिवार में उपेक्षित महसूस करता था। अपने पिता को लेकर उसके मन में कुंठा थी। पिता इसके दोस्तों के सामने मारते और डांटते थे। इसने कुंठा से ग्रसित होकर गुस्से में ये कदम उठाया। जांचकर्ताओं ने कहा कि अर्जुन अपने पिता के प्रति नाराज था, जिस पर उसने पक्षपात करने और अक्सर डांटने का आरोप लगाया था। संयुक्त सीपी जैन ने कहा कि 20 वर्षीय अर्जुन तंवर ने उन्हें बताया वह अपने घर में सौतेले बच्चे की तरह महसूस करता था। दरअसल, चार दिसंबर उसके माता पिता की शादी की सालगिराह थी, इसलिए इसने यह दिन चुना। इसको लगा कि आज के दिन उसपर कोई शक नहीं करेगा और भी मिलेगी। पुलिस को इस बारे में उसने कोई जानकारी नहीं दी है। क्राइम के मामलो में यह उसका पहला मर्डर अटेम्प्ट था। बहन देर तक पढ़ती थी, इसलिए सुबह देर तक सोती थी। मां—बाप भी सुबह देर से उठते थे, इसलिए उसने सुबह का समय चुना था। ताकि तीनों को मारने मौत की नींद सुला सके। वो सुबह को जिम जाता था। जिस चाकू से उसने तीनों की हत्या की वो घर का चाकू नहीं बल्कि आर्मी था। बहुत शार्प चाकू है। उसने बताया कि चाकू घर में ही था, क्योंकि पिता आर्मी में थे। अर्जुन का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। अर्जुन तंवर दिल्ली यूनिवर्सिटी के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में सेकंड ईयर का छात्र है। वो बीए पॉलिटिकल साइंस का छात्र है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का मानना है कि अर्जुन तंवर अपने पिता द्वारा सभी संपत्ति बहन कविता को हस्तांतरित करने की वजह से परेशान था। इस घटना के बाद से वो ज्यादा परेशान रहने लगा था। पुलिस का मानना है कि अपराध पूर्व नियोजित था। पुलिस के मुताबिक अर्जुन ने पहले कविता पर हमला किया जब वह सो रही थी। फिर अपने पिता और मां को मारने के लिए ऊपर चला गया। उसकी मां, उस समय बाथरूम में थी, जब वह बाहर निकली तो उस पर हमला किया अजीत झा/देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/05/ दिसम्बर/2024