बीजापुर(ईएमएस)। जिले में नक्सलियों की बर्बरता का एक और मामला सामने आया है। नक्सलियों ने भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत दो पूर्व सरपंचों, सुकलु फरसा और सुखराम अवलम, की निर्मम हत्या कर दी। दोनों को अलग-अलग स्थानों से अगवा किया गया था। दोनों घटनाओं का विवरण: 1 सुकलु फरसा का अपहरण और हत्या: सुकलु फरसा को नक्सलियों ने 2 नवंबर को भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के बिरयाभूमि गांव के रास्ते से अगवा किया। उनकी हत्या के बाद नक्सलियों ने शव पर एक प्रेस नोट छोड़ा, जिसमें आरोप लगाया कि सुकलु फरसा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े थे। माओवादियों ने दावा किया कि उन्होंने फरसा को तीन बार पार्टी से दूरी बनाने की चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी बात न मानने पर यह कदम उठाया गया। 2. सुखराम अवलम का अपहरण और हत्या: नैमेड थाना क्षेत्र के कडेर गांव के पूर्व सरपंच सुखराम अवलम को नक्सलियों ने मुर्गा बाजार से अगवा किया। इसके बाद उनकी भी निर्मम हत्या कर दी गई। सुकलु फरसा की बेटी यामिनी फरसा ने सोशल मीडिया के माध्यम से भावुक अपील की थी कि उनके पिता को रिहा कर दिया जाए। परिजनों ने स्थानीय थाने में सूचना भी दी थी। इसके बावजूद, नक्सलियों ने हत्या को अंजाम दिया। बीजापुर के एडिशनल एसपी चंद्रकांत गवर्ना ने घटनाओं की पुष्टि की और कहा कि पुलिस टीम घटनास्थल पर रवाना हो चुकी है। जांच जारी है, और आगे की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी, उन्होंने बताया। इन हत्याओं के बाद क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल है। नक्सली गतिविधियों से प्रभावित बीजापुर जिले में यह घटना एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती है। प्रशासन ने माओवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन इन घटनाओं ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आदिवासी क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास की योजनाएं कब तक जमीन पर उतर पाएंगी। सत्यप्रकाश(ईएमएस) 05 दिसंबर 2024